गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता।
बीजेपी की फायर ब्रॉन्ड नेत्री उमा भारती की कृपा से लोनी से पहली बार टिकट पाने वाले और मोदी लहर में चुनाव जीत जाने वाले विधायक नंदकिशोर गूर्जर मूल रूप से स्थानीय तो हैं। मगर, वो इस वेस्टर्न यूपी की पुरानी कहावत को भूलने की भूल कर बैठे और आज पार्टी के सख्त एक्शन की तलवार चलने के खौफ में हैं। उन्हें ध्यान रखनी चाहिए थी वो देसी कहावत कि सांडों की लड़ाई में झुंडों का नाश होता है। बहरहाल कल तक पुलिस कमिश्नर से लेकर मुख्य सचिव को ही बुरा-भला कहने वाले नंदकिशोर ने जैसे ही सीएम योगी और उनकी सरकार के कार्यकाल पर ही सवाल उटाकर विपक्ष को चुटकियां लेने का मौका दिया संगठन सख्त हो गया है। सूत्रों का दावा है कि एक सप्ताह बाद नंदकिशोर पर पार्टी और संगठन से गाज गिरनी तय है। इसी के चलते उन्हें सपोर्ट करने वाले लोग भी अभी से उनसे किनारा करने लगे हैं।
जेपी नड्डा के निर्देश पर प्रदेश अध्यक्ष का नोटिस
/young-bharat-news/media/media_files/2025/01/17/EA3TtJESP4frJlgBEApl.jpg)
हालाकि कोई खुलकर इस बात को बता नहीं रहा है लेकिन इस बात की पुष्टि विधायक नंदकिशोर गूर्जर के द्वारा कुछ चुनिंदा लोगों का ही कॉल अटेंड करने और बाकी से बात नहीं करने से ही हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक रविवार को ही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर यूपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने नंदकिशोर गूर्जर को कारण बताओ नोटिस जारी करके ये स्पष्टीकरण मांगा है कि आखिर क्यों आपने अपनी ही सरकार पर हमला बोलने की प्रवृति बना ली है? एक सप्ताह में नंदकिशोर को इसका जवाब देने को कहा गया है।
इसलिए कह रहे एक्शन होना तय
बीजेपी के सूत्र बताते हैं कि जब भी पार्टी में कोई विधायक या सांसद पार्टी की छवि को प्रभावित करने की चूक करता है, तो आम तौर पर 14 दिन का समय देने की परंपरा है। लेकिन नंदकिशोर से महज सात दिन में स्पष्टाकरण मांगे जाने से साफ ही कि केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर प्रदेश अध्यक्ष इस मामले को लेकर बेहद गंभीर हैं।
अपनों ने भी काट ली कन्नी
/young-bharat-news/media/media_files/2025/03/16/U6gCIH5BBHRUmpj1TYKD.jpg)
गाजियाबाद में बीजेपी के दो खेमे हैं। इनमें से एक सांसद अतुल गर्ग का तो दूसरा कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा का बताया जाता है। नंदकिशोर गूर्जर सुनील शर्मा खेमे से ताल्लुक रखते हैं। लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि नंदकिशोर के मामले में अभी तक सुनील शर्मा की तरफ से भी मीडिया के सामने कोई बयान सामने नहीं आया है। जाहिर है कि सीएम योगी और उनकी सरकार पर ही सीधे प्रहार करके इस बार नंदकिशोर ने अपने सहयोगियों को भी दूरी बनाने पर मजबूर कर दिया है।
कथा से भी दूर हुए नेता-जनप्रतिनिधि
/young-bharat-news/media/media_files/2025/02/08/hFgQkDKPB5axmW7CTQPW.jpeg)
नंदकिशोर गूर्जर की ओर से जिस कथा के आयोजन की कलश यात्रा को लेकर विवाद हुआ जिसके बाद से वो फटे कपड़े पहनकर घूम रहे हैं, उससे भी उनकी ही पार्टी के नेता और जनप्रतिनिधियों ने दूरी बना ली है। यहां तक कि रविवार को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मोर्य एक कार्यक्रम में नंदकिशोर से तो मिले मगर वो भी कथा के कार्यक्रम में नंदकिशोर के बुलावे के बावजूद नहीं पहुंचे। उधर, जिले के सांसद अतुल गर्ग सहित तमाम विधायक और अन्य जनप्रतिनिधि जिनमें उनके खास सुनील शर्मा भी हैं उन्होंने भी कथा के कार्यक्रम से खुद को अब तक दूर ही रखा है। जाहिर है सभी जानते हैं कि नंदकिशोर के सितारे गर्दिश मे हैं।