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फाइल फोटो
गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता
वसुंधरा स्थित सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल में ट्रांस हिंडन डीसीपी निमिष पाटील की अध्यक्षता में एक अहम गोष्ठी आयोजित की गई। इस गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य नागरिक सेवाओं (सिटीजन सर्विसेज) की समीक्षा करना था। बैठक में सहायक पुलिस आयुक्त इंदिरापुरम अभिषेक श्रीवास्तव, थाना प्रभारी, चौकी प्रभारी, बीएसआई और बीपीओ समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान फीडबैक सेल की रिपोर्ट के आधार पर तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने की घोषणा की गई।
फीडबैक सेल सक्रिय
डीसीपी ने बताया कि फीडबैक सेल द्वारा 15 जून से 30 जून तक का विश्लेषण किया गया, जिसमें ट्रांस हिंडन क्षेत्र से कुल पांच शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें से चार शिकायतें पुलिसकर्मियों के विरुद्ध थीं, जिनमें से तीन शिकायतें थाना इंदिरापुरम से संबंधित पाई गईं। संबंधित आरोपों के अनुसार, इन पुलिसकर्मियों ने पासपोर्ट सत्यापन के नाम पर रिश्वत की मांग की थी। जिन पुलिसकर्मियों पर आरोप सिद्ध हुए हैं, उनके नाम अमित, प्रवीण और सौरभ हैं, जिन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।डीसीपी निमिष पाटील ने गोष्ठी में साफ निर्देश दिए कि पासपोर्ट और चरित्र सत्यापन के लिए किसी भी व्यक्ति को न तो थाने और न ही चौकी पर बुलाया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि इस प्रकार की प्रक्रिया में पारदर्शिता और ईमानदारी बनाए रखना आवश्यक है। यदि किसी भी स्तर पर अनावश्यक मांग या दबाव की शिकायत मिलती है, तो संबंधित अधिकारी या कर्मचारी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इंदिरापुरम और मसूरी
फीडबैक सेल को दो और तीन जुलाई को मिले फीडबैक के आधार पर इंदिरापुरम थाने में तैनात हेड कांस्टेबल प्रवीन कुमार, सिपाही सौरभ बघेल, सिपाही अमित कुमार और मसूरी थाने में तैनात सिपाही पूरन सिंह का फीडबैक नेगेटिव आने पर निलंबित किया गया है। मसूरी में संचालित पीआरवी पर तैनात तीन पुलिसकर्मियों का रुपए लेने का वीडियो दो दिन पूर्व प्रसारित हुए था। इस कार्रवाई से गाजियाबाद पुलिस महकमे में हलचल मच गई है और यह स्पष्ट संदेश गया है कि भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। डीसीपी की इस सख्त पहल से आम नागरिकों में भी विश्वास बढ़ने की उम्मीद है।