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Action : नाहल कांड को लेकर शुरू हो गई राजनीतिक हलचल

गाजियाबाद जनपद के मसूरी थाना क्षेत्र स्थित नाहल गांव में दबिश के दौरान हुई एक दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के दौरान एक बहादुर सिपाही की गोली लगने से मौके पर ही मृत्यु हो गई। यह घटना न केवल पुलिस विभाग के लिए

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Syed Ali Mehndi
फाइल फोटो

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गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता

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गाजियाबाद जनपद के मसूरी थाना क्षेत्र स्थित नाहल गांव में दबिश के दौरान हुई एक दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के दौरान एक बहादुर सिपाही की गोली लगने से मौके पर ही मृत्यु हो गई। यह घटना न केवल पुलिस विभाग के लिए एक गहरा आघात है, बल्कि कानून व्यवस्था और स्थानीय जनता के आपसी विश्वास पर भी एक बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा करती है।

 व्यापक अभियान

इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद पुलिस ने तुरंत सख्त कार्रवाई करते हुए पूरे क्षेत्र में व्यापक अभियान चलाया और दर्जनों लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी। अपराधियों के खिलाफ इस त्वरित एक्शन को जहां कुछ लोगों ने कानून का सख्त रूप बताया, वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों में भय और असुरक्षा की भावना बढ़ती दिखी।

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सिर्फ दोषियों पर हो करवाई 

समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष फैसल हुसैन ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कानून को मजबूती के साथ अपना काम करना चाहिए और दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाना चाहिए। उन्होंने शहीद सिपाही को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी पूरी मजबूती से पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है।

 निर्दोष ना हो परेशान

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हालांकि फैसल हुसैन ने यह भी जोड़ा कि पुलिस कार्रवाई के दौरान यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि किसी भी निर्दोष व्यक्ति को परेशान न किया जाए। उन्होंने कहा कि गांव में भय का माहौल बन गया है और ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन को संवेदनशील रवैया अपनाते हुए ग्रामीणों से संवाद स्थापित करना चाहिए, ताकि लोगों को सुरक्षा का अहसास हो और वे अपने गांव को छोड़कर पलायन न करें।

समाज को संदेश

यह घटना न केवल प्रशासन और पुलिस के लिए चेतावनी है, बल्कि समाज के लिए भी एक संदेश है कि अपराध और निर्दोषों के बीच की रेखा को समझना अत्यंत आवश्यक है। कानून के रखवाले यदि संवेदनशीलता के साथ न्याय करें, तो न केवल अपराधियों पर नकेल कसी जा सकती है, बल्कि आम जनता का भरोसा भी बरकरार रह सकता है।

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जांबाज को श्रद्धांजलि

यह ज़रूरी है कि हम शहीद सिपाही के बलिदान को व्यर्थ न जाने दें और एक ऐसा तंत्र विकसित करें जिसमें अपराधियों को सज़ा और निर्दोषों को सुरक्षा मिल सके। यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी उस जांबाज़ सिपाही के लिए जिसने कर्तव्य निभाते हुए अपनी जान गंवा दी।

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