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खाद्य विभाग की छापेमारी
गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
जिले में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के पालन को लेकर खाद्य सुरक्षा विभाग ने एक बार फिर कड़ी कार्यवाही करते हुए कई मीट दुकानों और फूड आउटलेट्स पर निरीक्षण कर आवश्यक कानूनी कदम उठाए हैं। विभाग की यह सघन जांच सहायक आयुक्त (खाद्य) ग्रेड-II अरविंद कुमार यादव के निर्देश पर संपन्न हुई, जिसमें साफ-सफाई, अवैध स्लाटरिंग और बिना पंजीकरण के संचालन जैसे मामलों में कार्रवाई की गई।
चिकन शॉप पर छापा
शास्त्री नगर स्थित बाग वाली कॉलोनी रोड पर मौजूद हलाल चिकन शॉप, जिसके प्रोपराइटर मोहम्मद आमिर कुरैशी हैं, पर चिकन की स्लाटरिंग करते हुए टीम ने रंगे हाथों पकड़ा। स्लाटरिंग में प्रयुक्त सभी उपकरणों को सील कर दिया गया है और संबंधित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वहीं, कुरैशी चिकन एवं मटन मीट शॉप (प्रो. मुरसलीन) पर साफ-सफाई में लापरवाही और पंजीकरण की शर्तों का उल्लंघन पाया गया, जिसके चलते उनके विरुद्ध भी नियमानुसार कानूनी कार्यवाही की जा रही है।
हिंडन पार भी सक्रिय
इसी प्रकार, 2 जून 2025 को कनावनी पुलिया, इंदिरापुरम में संचालित मीट शॉप को बिना किसी वैध पंजीकरण के चलते बंद करवा दिया गया है। दुकान के प्रोपराइटर गुड्डू कुरैशी के विरुद्ध खाद्य सुरक्षा अधिनियम की धारा 58 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया है। इसके अतिरिक्त, कनावनी पुलिया स्थित पप्पू मटन शॉप पर खाद्य पंजीकरण की शर्तों के उल्लंघन के चलते सुधार नोटिस जारी कर दिया गया है और चेतावनी दी गई है कि तय समय सीमा में सुधार न करने की स्थिति में लाइसेंस निलंबित किया जाएगा।
दिया नोटिस
इंदिरापुरम की विंडसर मार्केट में स्थित ‘लखनऊ वाले कबाबी नॉन वेज रेस्टोरेंट’ पर साफ-सफाई की स्थिति खराब मिलने, चिकन और मटन खुले में प्रदर्शित करने और पंजीकरण शर्तों के उल्लंघन पर सुधार नोटिस भेजा गया है। इसी कड़ी में शिप्रा मॉल स्थित स्ट्रीट फूड मार्केट में 20 से अधिक फूड वेंडर्स का निरीक्षण कर उन्हें सुरक्षित और स्वच्छ खाद्य की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। सभी वेंडरों को स्पष्ट किया गया कि बिना पंजीकरण के कोई भी खाद्य कारोबार नहीं किया जाएगा।
यह रहे मौजूद
इस कार्यवाही में मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्री आशुतोष राय के साथ नरेन्द्र कुमार,अमित कुमार सिंह,अंशुल पांडे और देवांश चतुर्वेदी शामिल रहे। विभाग ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में भी इस तरह की जांच निरंतर जारी रहेगी।