गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
जिले में मापतौल विभाग ने एक बार फिर सख्ती दिखाते हुए अपनी कार्रवाई से यह साफ कर दिया है कि कानून की अनदेखी करने वालों को अब बख्शा नहीं जाएगा। विभाग ने बड़ी कार्यवाही करते हुए आधा दर्जन से अधिक कंपनियों को चिह्नित किया जो मापतौल अधिनियम का उल्लंघन कर रही थीं। इन कंपनियों पर न केवल जुर्माना लगाया गया, बल्कि उन्हें कड़ी चेतावनी भी दी गई कि यदि भविष्य में भी इस तरह की गड़बड़ी पाई गई तो और भी कठोर कार्रवाई की जाएगी।
कड़ी कार्रवाई
मापतौल विभाग के अधिकारियों के नेतृत्व में हुई इस कार्रवाई ने शहर में हलचल मचा दी है। कई व्यापारी और कंपनियां जो अब तक बिना किसी डर के अपने नियम खुद बना रही थीं, अब विभाग की सक्रियता से सतर्क हो गई हैं। संदीप नवता ने बताया कि जिन कंपनियों पर कार्रवाई की गई है, वे बिना वैध माप यंत्रों के व्यापार कर रही थीं या फिर उपकरणों में हेरफेर कर उपभोक्ताओं को धोखा दे रही थीं। यह सीधे तौर पर उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन है, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अधिनियम 2009
मापतौल अधिनियम 2009 के अंतर्गत सभी व्यापारिक गतिविधियों में प्रमाणित और सत्यापित माप यंत्रों का प्रयोग अनिवार्य है। परंतु कई कंपनियां या तो बिना प्रमाणित उपकरणों का प्रयोग कर रही थीं या जानबूझकर यंत्रों में गड़बड़ी कर उपभोक्ताओं को कम मात्रा में उत्पाद दे रही थीं। यह न केवल आर्थिक अपराध है बल्कि इससे आम जनता का भरोसा भी टूटता है।
नियमों का पालन आवश्यक
विभाग की देखरेख में चलाए गए इस अभियान में न केवल जुर्माना वसूला गया, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया गया कि संबंधित कंपनियां भविष्य में सभी नियमों का पालन करें। विभाग की टीम ने मौके पर ही उपकरणों की जांच की, प्रमाणपत्रों की जांच की और आवश्यक दस्तावेज न होने पर कंपनियों पर त्वरित कार्रवाई की। इस पूरे अभियान का मुख्य उद्देश्य व्यापार में पारदर्शिता लाना और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना है। मापतौल विभाग की यह कार्यवाही अन्य कंपनियों के लिए भी एक चेतावनी है कि अगर वे नियमों का उल्लंघन करेंगी, तो उन्हें भी इसी तरह का सामना करना पड़ेगा।
सख़्ती से निरीक्षण
विभाग द्वारा जारी बयान में यह भी स्पष्ट किया गया कि आने वाले दिनों में इस तरह की कार्रवाई को और तेज़ किया जाएगा। नियमित रूप से निरीक्षण किए जाएंगे और जो भी गड़बड़ी में लिप्त पाया जाएगा, उस पर कड़ी कार्रवाई होगी। इस पूरे घटनाक्रम ने यह संदेश दिया है कि उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा अब प्राथमिकता बन चुकी है और गाजियाबाद का मापतौल विभाग पूरी मुस्तैदी से इस जिम्मेदारी को नविभाग है।