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फाइल फोटो
गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
परिवहन विभाग के द्वारा गाजियाबाद में अवैध वाहनों के संचालन के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान 15 मई से तीन दिनों तक चलाया गया और इसमें अनियमित तथा अवैध रूप से संचालित टूरिस्ट बसों, टैक्सी, टैम्पो, मिनी बसों एवं निजी वाहनों की जाँच की गई जो व्यावसायिक परिवहन के रूप में प्रयोग किए जा रहे थे। लेकिन बड़ी बात यह है कि जहां गाजियाबाद में हजारों वाहन अवैध रूप से संचालित किया जा रहे हैं उसमें आरटीओ विभाग को सिर्फ 45 वाहन ही मिले।
72 का किया चालान
अभियान के दौरान परिवहन विभाग की टीमों ने 72 ऐसे यात्री वाहनों का चालान किया जो बिना परमिट या अनुमति के यात्रियों का परिवहन कर रहे थे। इनमें से 45 वाहनों को जब्त कर लिया गया। मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत इन वाहनों पर कुल ₹8.50 लाख का जुर्माना लगाया गया। यह कार्यवाही मुख्यतः जनपद गाजियाबाद के प्रमुख मार्गों पर केंद्रित रही, जहाँ अवैध रूप से चल रहे वाहनों की गतिविधियों की निगरानी की जा रही थी।
अवैध संचालन और ओवरलोडिंग
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य अवैध रूप से चल रही टूरिस्ट बसों की पहचान करना, परमिट शर्तों का उल्लंघन करने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करना तथा ओवरलोडिंग और गैरकानूनी रूप से व्यावसायिक प्रयोजन में लगे निजी वाहनों को रोकना था। ऐसे वाहनों की पहचान कर उनके परमिट के निलंबन या निरस्तीकरण की प्रक्रिया भी आरंभ की जा रही है, जिससे भविष्य में ऐसी गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके।
यह टीम रही सक्रिय
परिवहन विभाग के प्रवर्तन अधिकारियों एआरटीओ (प्रवर्तन) राहुल श्रीवास्तव, अमित राजन राय, मनोज कुमार मिश्रा तथा यात्रीकर अधिकारी राजेश्वर कुशवाहा एवं मनोज कुमार द्वारा संयुक्त रूप से यह अभियान संचालित किया गया। उन्होंने सड़क सुरक्षा के प्रति भी लोगों को जागरूक करते हुए ओवरस्पीडिंग, सीट बेल्ट का प्रयोग, रॉन्ग साइड ड्राइविंग और नशे की हालत में वाहन न चलाने की अपील की।
कानून का डर नहीं
इस प्रभावी अभियान से यह संदेश स्पष्ट हुआ कि प्रदेश सरकार एवं परिवहन विभाग सड़क सुरक्षा एवं यात्री हितों की रक्षा हेतु पूर्णतः प्रतिबद्ध हैं। आने वाले समय में भी इस प्रकार की कार्रवाइयाँ लगातार जारी रहेंगी, जिससे नियमों का पालन सुनिश्चित हो और आमजन सुरक्षित यात्रा कर सकें। लेकिन अब तक नजर आया है कि अवैध वाहन चालकों को कानून का कोई डर ही नहीं है।