गाजियाबाद वाईबीएम संवाददाता
इस संबंध में जिला शासकीय अधिवक्ता राजेंद्र चंद शर्मा ने बताया कि अंजू पत्नी रवि ने थाना भोजपुरी में अभियोग पंजीकृत कराया था जिसमें उन्होंने शिकायत की थी उन्हें डॉक्टर शीबा पत्नी दिनेश ने किलहोड़ा डॉक्टर साजिद के क्लिनिक न्यू वैशाली मेडिकल सेंटर पर बुलाया था शीबा ने उसे चेक किया उन्होंने बताया कि उसकी बच्चेदानी के बाहर गांठ है फिर उसके बाद उन्हें सीटी स्कैन के लिए डॉक्टर साजिद द्वारा हापुड़ हेल्थ केयर रेफर कर दिया गया उसके बाद वह ब्लूम अस्पताल लेकर गए वहां पर उन्होंने एक सीटी स्कैन कराया उसके बाद उन्होंने बोला कि आपका ऑपरेशन होगा और गांठ निकाल देंगे। इसके बाद डॉक्टर शीबा,डॉक्टर साजिद,डॉक्टर अश्वनी और डॉक्टर ताज़ त्यागी ने उसका ऑपरेशन किया। 4 माह बाद जब अंजू को पेट में समस्या हुई तब उसने चेक कराया तब उसे पता चला कि उसकी बच्चेदानी ही नहीं है। जबकि ऑपरेशन से पहले अंजू के पति रवि से ऑनलाइन 17000 एवं कैश डेढ़ लाख रुपए जमा कर लिए गए थे। इस संबंध में सीएमओ द्वारा गठित जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि न्यू वैशाली मेडिकल केयर सेंटर सीएमओ कार्यालय में पंजीकृत नहीं है और ना ही साजिद एवं प्रवेश क्वालिफाइड चिकित्सक हैं। इस मामले में जिला जज के कोर्ट ने साजिद अली की अग्रिम जमानत की याचिका को निरस्त कर दिया।
आरोपियों की जमानत निरस्त
वादी प्रमोद कुमार गुप्ता ने थाना कवि नगर में मुकदमा दर्ज कराया था कि जय किशन गुप्ता उर्फ़ जय कृष्ण गुप्ता एवं अवधेश कुमार गुप्ता ने उनसे व्यापारिक लेनदेन के अंतर्गत फ्लैट निर्माण हेतु टीएमटी बार खरीदा था जिसके एक करोड़ 11 लाख 57 हज़ार 802 रुपए पेमेंट बनी थी। लेकिन उनके पैसे उन्हें नहीं दिए गए कई बार पैसे का तकाजा करने पर भी गुप्ता बंधुओ ने टालमटोल कर पैसे देने से साफ इनकार कर दिया। इस संबंध में अभियोग पंजीकृत किया गया जिसके बाद जिला जज की कोर्ट में आरोपियों ने अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल की थी। इस मामले में जिला जज कोर्ट ने जय किशन गुप्ता उर्फ जय कृष्ण गुप्ता एवं अवधेश कुमार गुप्ता की अग्रिम जमानत की याचिका को निरस्त कर दिया।