Advertisment

Adalat : नदीम को मिली जमानत मेहबूब और उमा हुआ बारी

अदालत में तीन महत्वपूर्ण फैसले सुनाएं जिसमें नदीम को जमानत मिल गई जबकि दूसरी ओर महबूब और उमा को अदालत ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया वहीं नोएडा प्राधिकरण टेंडर घोटाले में भी...

author-image
Syed Ali Mehndi
गाजियाबाद कोर्ट

गाजियाबाद न्यायालय

गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता 

अदालत में तीन महत्वपूर्ण फैसले सुनाएं जिसमें नदीम को जमानत मिल गई जबकि दूसरी ओर महबूब और उमा को अदालत ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया वहीं नोएडा प्राधिकरण टेंडर घोटाले में भी महत्वपूर्ण फैसला सुनाया गया।

 18 मार्च को अगली तारीख

मंगलवार को विशेष सीबीआई कोर्ट में नोएडा प्राधिकरण के टेंडर घोटाले के मामले में सुनवाई हुई । गवाह मोहन जिन्दल से बचाव पक्ष के वकीलों ने जिरह की। अदालत ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 18 मार्च की तारीख तय की है। बता दे कि वर्ष 2011 में नोएडा टेंडर घोटाला हुआ था। मामले की जांच सीबीआई ने की थी। सीबीआई ने यादव सिंह समेत 11 लोग और तीन फर्मो को आरोपी बनाते हुए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। तभी से मामले की सुनवाई विशेष सीबीआई कोर्ट में चल रही है।

दहेज हत्या में मिली जमानत 

अदालत ने दहेज हत्या के एक मामले में आरोपी पति को जमनात दी है। मामला ट्रॉनिका सिटी थाना क्षेत्र ‌का है।बचाव पक्ष के अधिवक्ता उमेश भारद्वाज ने बताया कि नसरीन ने अपनी बेटी साहिबा की शादी 24 अप्रैल 2024 को ट्रॉनिका सिटी क्षेत्र में रहने वाले नदीम के साथ की थी। शादी के बाद लड़ेक वाले दहेज में पांच लाख रुपए की मांग कर रहे थे। मांग पूरी नहीं होने पर नदीम ने परिजनों के साथ मिलकर 20 दिसंबर 2024 को साहिबा को तेजाब पिलाकर उसकी हत्या कर दी। साहिबा की मां नसरीन ने मृतका के पति नदीम, सास ससुर और देवर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने आरोपियों गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। नदीम को जमानत दिलाने के लिए उसके वकील उमेश भारद्वाज ने कोर्ट में अर्जी दाखिल की। मंगलवार को अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद नदीम तो एक लाख रुपए का बोंड और दो जमानती पेश करने के साथ जमानत अर्जी स्वीकार करने के आदेश दिए।

उमा को अदालत ने किया बारी 

पुलिस पर फायरिंग करने का आरोपी पिलखुवा निवासी उमा को अदालत ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। अदालत के न्यायाधीश नीरज गौतम ने कहा कि पुलिस पर फायरिंग करने का कोई साक्ष्य अभियोजन साबित नहीं कर पाया। हमले के काई आरोपियों में उमा की फाइल अलग कर सुनवाई हुई थी। अदालत से मिली जानकारी के अनुसार 16 जून 2011 को मसूरी थाना क्षेत्र में पुलिस गश्त कर रही थी। उसी दौरान एसओजी प्रभारी अनिल कपरवान को सूचना मिली थी कि कई बदमाश देहरा नहर की पटरी से आ रहे थे। गांव चिकरा के पास पुलिया के पास पहुंचने पर पुलिया के पास 7-8 व्यक्ति दिखाई दिए। जैसे ही यह लोग पुलिस जीप के पास पहुंचे। जीप देखकर तितर बितर होने लगे। पुलिस ने रुकने के लिए कहा तो बदमाशों ने जान से मारने की नीयत से पुलिस पर दो फायर कर दिया। पुलिस ने सभी को पकड़ लिया। बदमाशों ने अपने नाम नौसाद, वसीम, मुस्तकीम, इकराम, सलमान, अकरम, गुल्लू, उमा और भागे हुए बदमाश का नाम हसनैन बताया था।

Advertisment
Advertisment