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Administration: साहब! पेंच कसिए, ताकि गरीबों को जल्द मिलें मकान

जिले में करीब साढ़े तीन हजार गरीबों को सरकारी योजनाओं में तो हजारों को बिल्डर प्रोजेक्ट्स के तहत आशियाने दिए जाने हैं। इनके अलॉटमेंट का काम तो चल रहा है। मगर पानी-बिजली और सीवरेज की व्यवस्थाएं भी नहीं हुई।

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Rahul Sharma
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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता

एक घर हो सबका अपना...ये सपना न सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है, बल्कि प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ भी इस योजना को लेकर लगातार चर्चाएं कर अफसरों को इस पर ज्यादा ध्यान देने और इस काम को तेजी से कराने के लिए निर्देश देते रहे हैं। बावजूद इसके सरकारी मशीनरी की सुस्ती के चलते इस काम को उतनी रफ्तार से नहीं किया जा रहा जितना हो सकता है। गरीबों को आवास मुहैया कराने की जीडीए-आवास विकास और नगर निगम के डूडा समेत तमाम योजनाओं में अधिकारियों की उदासीनता के चलते काम धीमी रफ्तार से हो रहा है। बिल्डर भी नियमों के मुताबिक गरीबों को आशियानों पर कम बल्कि अपने कमाई वाले प्रोजेक्ट्स पर ज्यादा फोकस किए हैं।

यहां बने हैं गरीबों के सरकारी आशियाने

डासना : 432
मधुबन-बापूधाम : 856
प्रताप विहार : 1200
नूरनगर : 480
निवाड़ी : 528

न पानी-सीवरेज, न बिजली, चल रहा आवंटन का काम

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पीएम आवास योजना के तहत जिले में पांच स्थानों पर ई-डब्ल्यूएस फ्लैट बनाए गए हैं। इनके आवंटन का काम चल रहा है। लेकिन पेयजल और सीवरेज े साथ-साथ बिजली की आपूर्ति का इंतजाम भी अभी नहीं हो सका है।अधिकांश आवंटी अभी भी किराये के भवनों में रह रहे हैं। हालाकि जीडीए की ओर से पेयजल लाइन बिछाने और भवनों तक पानी पहुंचाने के लिए जल निगम को पत्र लिखा गया था। जिस पर अब फाइल नगर विकास विभाग पहुंची है। अब देखना होगा कि कब एस्टिमेट बनेगा और कब पानी-सीवर की सुविधा मिलने के बाद गरीबों को अपने आशियानों में रहने का सपना सच होगा।

अभी हो रहा एस्टिमेट पर काम

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जिले में सरकारी योजना के तहत गरीबों के लिए 3496 ई-डब्ल्यूएस भवनों का निर्माण हुआ है। इनके आवंटन का काम तो चल रहा है। मगर, हालात ये है कि अभी तक इन आवासों में पानी-बिजली और सीवरेज की व्यवस्था भी अधर में है। करीब 14 करोड़ की लागत से पेयजल और सीवरेज व्यवस्था इन फ्लेट्स में की जानी है।लेकिन ये काम एक सरकारी दफ्तर से दूसरे सरकारी दफ्तरों में ही महीनों से घूम रहा है।

गेंद नगर विकास विभाग के पाले में

जलनिगम की ओर से इन फ्लेट्स में पेयजल और सीवरेज व्यवस्था का एस्टीमेट तैयार करके नगर विकास विभाग के भेज दिया गया है।दावा किया जा रहा है कि इस वित्तीय वर्ष के आखिर तक यानि मार्च महीने में ही इस पर काम शुरू हो जाएगा।

ये बोले जल निगम के अभियंता

जल निगम के अधिशासी अभियंता संजय कुमार के मुताबिकएस्टीमेट तैयार कर जल निगम मुख्यालय को भेजा गया था। एस्टीमेट स्वीकृत होने के बाद नगर विकास के पास पहुंच गया है। उम्मीद है कि इसी वित्तीय वर्ष में बजट स्वीकृत होकर आ जाएगा और काम शुरू हो जाएगा।

जीडीए के मुख्य अभियंता का तर्क

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जीडीए के मुख्य अभियंता मानवेंद्र सिंह का कहना है कि ऊर्जा निगम की ओर से बिजली आपूर्ति के लिए लाइन बिछाने का काम किया जा रहा है। पेयजल व्यवस्था के लिए जलनिगम के साथ लगातार वार्ता चल रही है। पूरी उम्मीद है कि मार्च तक काम शुरू हो जाएगा।

बिल्डर प्रोजेक्ट्स में भी धीमी है रफ्तार

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सरकारी व्यवस्था के तहत तमाम आवासीय योजनाएं चलाने वाले गाजियाबाद के बिल्डरों को मानकों के मुताबिक अपने प्रोजेक्ट के हिस्से में गरीबों के लिए भी भवनों का निर्माण कराना है। जिन्हें सरकारी माध्यम से गरीबों को सस्ती कीमतों पर देना है। मगर, जिले के आधे से ज्यादा बिल्डर इस काम में सुस्ती दिखा रहे हैं। इसकी वजह निचले स्तर पर अफसरों की सुस्ती को बताया जा रहा है।

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