गाजियाबाद, चीफ रिपोर्टर।
प्रदूषण का बढ़ता स्तर देखते हुए जहां प्रदूषण नियंत्र बोर्ड ने ग्रेप लागू कर दिया है वहीं जीडीए-आवास विकास और निगम के क्षेत्रों में धड़ल्ले से वो सब हो रहा है जो नियम विरूद्ध है। लेकिन दिखावे के लिए अब सभी विभाग प्रदूषण और हरियाली को लेकर यकायक गंभीर होने और ठोस कवायद करने के दावें करने में जुटे हैं।
जीडीए ने किया शुक्रवार को दावा
जीडीए के मुताबिक शहर में दिन प्रतिदिन जनसंख्या घनत्व बढने, शहर के मध्य से अन्तरजनपदीय एवं अर्न्तराज्यीय वाहनों/ट्रेनों के आवागमन से वातावरण दूषित होता है। जिसके लिये शहर को प्रदूषण मुक्त रखने के लिये विशेष प्रयास किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। इस क्रम में प्राधिकरण द्वारा पर्यावरण सुधार कार्यक्रम के अर्न्तगत प्रति वर्ष वृहद वृक्षारोपण का कार्यक्रम संचालित किया जाता है।
ये भी किए गए दावें
जीडीए अफसरों की मानें तो शहर में अधिक से अधिक हरियाली विकसित करने के लिये नये पार्को का विकास एवं पूर्व विकसित पार्को का सुदृढीकरण एवं समुचित रख-रखाव प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है। पर्यावरण संरक्षण एवं सन्तुलन की दृष्टि से मधुबन-बापूधाम योजना के डी-ब्लॉक में 03 पार्क एवं बी-ब्लॉक में 05 पार्क कुल 08 पार्को (क्षेत्रफल 25000 वर्ग0 मी0) का उद्यानिक विकास, प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है।
विकसित पार्कों में ये भी कर रहे
पार्को को जन उपयोगी व आकर्षक बनाने के लिये लैण्डस्केपिंग, सिचाई हेतु स्प्रिंकलर सिस्टम, बच्चों के खेल-कूद हेतु झूले, अल्प विश्राम हेतु गार्डन बैन्च व डस्टबिन की स्थापना की जायेगी। पार्को में भ्रमण एवं स्वास्थ्य लाभ हेतु कच्चे पाथ निर्मित किये जा रहें है। सभी पार्को में फलदार, छायादार एवं शोभाकार पौधों जैसे-आम, जामुन, शहतूत, कदम, अमलतास, कचनार, चॉदनी, टिकोमा, गुडहल, फाईक्स बैन्जामिना आदि पौंधो का रोपण किया जायेगा।
ये भी दिए गए हैं निर्देश
जीडीए अफसरों का कहना है कि उपाध्यक्ष ने गर्मी को देखते हुये निर्देशित किया है कि सभी पार्को, सैन्ट्रलवर्ज, ग्रीनवर्ज आदि पर नियमित रूप से आवश्यकतानुसार वाटरिंग आदि की व्यवस्था किया जाना सुनिश्चित किया जाये।