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Ambedkar jayanti Exclusive: बाबा तेरे दर दो दिन का मेला, बाकी दिन का क्या ?

देश को सर्वसमाज के हितों को ध्यान में रखकर बनाए गए संविधान रचयिता बाबा भीमराव की आज जयंती है। जिले के तमाम पार्कों और उनके प्रतिमा स्थलों पर मेला लगा है। कुछ ऐसा ही पुण्यतिथि पर भी होता है। मगर, बाकी 363 दिन कितने लोगों को इन स्थलों की फिक्र करते है?

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Rahul Sharma
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गाजियाबाद में अंबेडकर जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रमों में माननीय।

गाजियाबाद, चीफ रिपोर्टर।

रविवार को नगर निगम ने एक प्रेस रिलीज जारी करके बताया कि उसने अपने क्षेत्र में स्थित 86 पार्कों में न सिर्फ सुसज्जित कराया है, बल्कि उद्यान विभाग को शहर में आयोजित होने वाले अंबेडकर जयंती के कार्यक्रमों में व्यवस्थाओं को देखने के निर्देश दिए हैं। जाहिर है कि अंबेडर जयंती के मौके पर पूरे जिले में संबंधित पालिकाओं और अन्य विभागों ने भी ये जिम्मेदारी निभाई होगी। सत्तारूढ़ दल बीजेपी समेत तमाम राजनैतिक दलों नें भी आज बाबा साहब और उनके स्थलों पर माल्यार्पण समेत तमाम आयोजनों से उन्हें याद किया। लेकिन सवाल ये कि पूरे साल इन पार्कों और मूर्तियों की फिक्र क्यों नहीं की जाती?

दो दिन ख्याल, बाकी 363 दिन ये हाल

अंबेडकर पार्क (नवयुग मार्केट)

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गाजियाबाद शहर के बीचोंबीच सबसे पुराना पार्क है अंबेडकर पार्क नवयुग मार्केट। इस पार्क में दिन हो या रात आप किसी भी वक्त जाएंगे तो लोग ताश पीटते मिलेंगे। निगम से कुछ दूरी पर स्थित इस पार्क की देखरेख के लिए यूं तो कई कर्मचारियों की नियुक्ति है। मगर, साफ-सफाई से लेकर सारे इंतजाम केवल औपचारिक ही नजर आएंगे।शाम ढलते ही यहां नशेड़ियों का जमावड़ा रहता है। इसके चारों तरफ कारों का जमावड़ा होने से किसी भी वक्त लोग यहां आपको लघुशंका करके दीवारों और उसके आस-पास गंदगी फैलाते दिखाई दे जाएंगे। ये हाल तब है जबकि पार्क के एक कौने पर शौचालय का निर्माण भी करा दिया गया है। ठीक ऐसी ही लात नवयुग मार्केट में बने एक और पार्क की भी है। वहां किसी भी वक्त जाइये आपको गंदगी दिखाई दे जाएगी।

डिप्टी मेयर का वार्ड तब ये हाल

ये पूरा इलाका निगम कार्यालय के नजदीक होने के साथ-साथ निगम के डिप्टी मेयर कहे जाने वाले पार्षद राजीव शर्मा के वार्ड में आता है। इसके बावजूद इसकी इस हालत को देखकर खुद इलाके के लोग कहने से नहीं चूकते कि माहापौर के बाद निगम में जनप्रतिनिधि के रूप में नंबर दो की हैसियत रखने वाले राजीव आखिर क्यों इन पार्कों की हालत को सुधारने का स्थाई समाधान नहीं कर पा रहे?

विजयनगर का भीमाबाई अंबेडकर पार्क

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विजयनगर थाने के ठीक सामने बना ये पार्क लाईन पार्क क्षेत्र का एक मात्र ऐसा पार्क है जो आकार और लोकेशन के हिसाब से नंबर एक की हैसियत रखता है। लेकिन इसकी हालत देखकर आप यही कहेंगे कि चिराग तले अंधेरा। इस पार्क का एक सिरा सदर विधायक संजीव शर्मा के आवास से चंद कदम की दूरी पर है जबकि नगर निगम का जोनल दफ्तर भी इससे कुछ सौ मीटर की दूरी पर है। सामने विजयनगर थाना भी है। इसके बावजूद यहां भी हरियाली के नाम पर चंद पेड़ खड़े हैं। बाकी पूरा पार्क मिट्टी, धूल और कूड़े के अलावा यहां सुबह से रात तक ताश पीटने वालों, नशा करने वालों से भरा रहता है। इस पार्क की दशा पर यदि ध्यान दिया जाए तो निश्चित तौर पर सुबह-शाम यहां लोग परिवार के साथ मॉर्निंग वॉक आदि के लिए इस मैदान का इस्तेमाल कर सकते हैं। मगर, इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।

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माता कॉलोनी का अंबेडकर पार्क

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बसपा सुप्रीमों मायावती के कार्यकाल में करोड़ों की लागत से बना ये शानदार पार्क बाबा साहब की आदम कद मूर्ति वाला एक मात्र ऐसा पार्क है जिसे लाईन पार्क क्षेत्र का शानदार स्थल कहा जा सकता है। मगर, कागजों में इसकी देखरेख भी निगम खूब करता है। मगर, अंबेडकर जयंती या उनकी पुन्यतिथि के अलावा किसी भी दिन आप यहां जाईये और हालत देखकर खुद तय कीजिए कि जितनी व्यवस्था के दावें होते हैं उसका कितने प्रतिशत ख्याल करोड़ों की लागत वाले इस पार्क का रखा जा रहा है।

बाबा साहब के कुछ अनुयाई रखते हैं ख्याल

सरकारी और जनप्रतिनिधियों के स्तर पर अंबेडकर पार्कों और उनमें लगी प्रतिमाओं की जो बेकदरी साल के 363 दिन होती है उसको कुछ हाल तक ठीक करने की कोशिश बाबा साहब के कुछ अनुयाई जरूरी साल भर प्रयास करके करने का प्रयास करते हैं। लेकिन सरकारी स्तर पर और जनप्रतिनिधियों के द्वारा इस ओर केवल ध्यान तब ही दिया जाता है जबकि या तो अंबेडकर जयंति हो या फिर उनकी पुण्यतिथि।

अन्य महापुरूषों के स्थलों का भी यही है हाल

घंटाघर पर भगत सिंह प्रतिमा बदहाल

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रखरखाव के अभाव में खंडित स्टेचू, खराब पड़े फव्वारे, स्मारक में अतिक्रमण, बाहर लगे डस्टबिन कूड़े से लबालत भरे हुए।
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अब बात कर लेते हैं अन्य महापुरूषों के स्थलों की भी। शहर के बीचों-बीच घंटाघर चौराहे पर सरदार भगत सिंह की प्रतिमा लगी है। चारों तरफ से वह अतिक्रमण और वाहनों से घिरी रहती है। किसी वक्त उस पर सुबह और रात के वक्त शानदार लाईटिंग और पानी के फव्वारे भी चलते थे। लेकिन अब उस ओर कोई ध्यान ही नहीं देता। कागजों में जरूर निगम उसकी देखरेख करता है। मगर, वास्तव में केवल खानापूर्ति होती है।

लोहिया नगर के गांधी पार्क का भी यही हाल

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लोहिया नगर के गांधी पार्क की हालत का ख्याल भी या तो दो अक्टूबर को राष्ट्रपिता की जयंती पर निगम और जनप्रतिनिधि व नेताओं को आता है। या फिर उनकी पुण्यतिथि पर और यदा-कदा किसी आंदोलन के दौरान। बाकी दिन वो भी अपनी प्रतिमा और पार्क की दुर्दशा के मूक साक्षी बने रहते हैं।

शहीद स्मारक का रखते हैं कुछ लोग ख्याल

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हालाकि हापुड़ तिराहे पर लगी चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा भी शहीद भगत सिंह की तरह ही बेबस अपनी अनदेखी की मूक गवाह बनी रहती है। मगर नये बस अड्डे पर बने शहीद स्मारक की देखरेख कुछ लोग जरूर नियमित रूप से करते हैं। जिसे अपवाद कहा जा सकता है।

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क्या अब ये संभव नहीं ?

नगर निगम का बजट साल-दर साल बढ़ रहा है। साल-दर-साल निगम की आय और उसके स्रोत भी बढ़ रहे हैं। मगर, सवाल ये कि एक व्यवस्था जो 2007 में गाजियाबाद में नगर निगम की तरफ से की गई थी क्या वो दोबारा शुरू नहीं की जा सकती ? गौरतलब है कि गाजियाबाद के डीएम और उससे पहले नगर आयुक्त रहे सीनियर आईएएस अजय शंकर पांडेय ने 2007 से अपने तबादले फरवरी 2010 तक निगम की ओर से व्यवस्था कराई थी कि निगम क्षेत्र में तमाम महापुरुषों की मूर्तियों पर सप्ताह में एक दिन नियमित तौर पर साफ-सफाई कराई जाएगी। साथ ही तमाम प्रतिमाओं पर निगम की ओर से माल्यार्पण भी होगा। बाकायदा तत्कालीन नगर आयुक्त ने इस काम की मॉनिटरिंग के लिए नोडल अधिकारियों की जिम्मेदारियां तय की थीं। करीब डेढ़ दशक पहले तक रही ये व्यवस्था अजय शंकर पांडेय के तबादले के साथ ही खत्म हो गई।

एक वक्त में गाजियाबाद के नगर आयुक्त और जिले के डीएम रहे 2007 से फरवरी 2010 तक गाजियाबाद में नगर आयुक्त रहे थे। सप्ताह में एक दिन माला चढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई। 

चिताओं पर अब नहीं लगते मेले नगर आयुक्त के निर्देशन पर 86 पार्कों में महापुरुषों की प्रतिमाओं को किया गया सुसज्जित, उद्यान विभाग ने संभाली कमान

शहर में आयोजित अंबेडकर जयंती कार्यक्रमों में प्रबल मॉनिटरिंग बनाए रखेंगे अधिकारी- नगर आयुक्त

नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक के निर्देशन में बाबासाहेब डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती पर  महापुरुषों की प्रतिमाओं को सूचित किया गया है गाजियाबाद नगर निगम सीमा अंतर्गत आने वाले 86 पार्कों में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी की मूर्ति तथा अन्य महापुरुषों की मूर्ति पर पेंटिंग का कार्य किया गया है साथ ही पार्कों की रंगाई पुताई तथा सफाई का कार्य भी शुद्धता से किया गया है, ऐसी पार्क जहां आवश्यकता थी पेंटिंग और रंगाई पुताई की वहां पर रंगाई पुताई कराई गई है अन्य पार्कों में सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया है, पार्कों में मरम्मत का कार्य तथा मूर्ति स्थलों के मरम्मत का कार्य भी कराया गया हैl

डॉ अनुज प्रभारी उद्यान द्वारा बताया गया कि बाबासाहेब डॉ भीमराव  अंबेडकर जी की जयंती पर  प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी पार्कों को सुसज्जित करने का कार्य किया गया है ऐसे अंबेडकर पार्क जहां पर पेंटिंग की आवश्यकता थी पेंटिंग का कार्य कराया गया है इसके अलावा आवश्यकता को देखते हुए सभी स्थलों पर कार्य किया गया है तथा फूलमालाओं से भी पार्कों को सजाया गया है इसी क्रम में उद्यान विभाग के सुपरवाइजर तथा हेड  मालियों की ड्यूटी भी लगाई गई है, पांचो जोन अंतर्गत पेयजल की व्यवस्था हेतु टैंकर प्रकाश व्यवस्था हेतु लाइट तथा मोबाइल शौचालय की आवश्यकता अनुसार व्यवस्था कराई गई हैl

नगर आयुक्त द्वारा बताया गया कि गाजियाबाद नगर निगम सीमा अंतर्गत डॉ भीमराव अंबेडकर जयंती समारोह भव्य रूप से मनाई जा रहे हैं जिसमें गाजियाबाद नगर निगम उद्यान विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ निर्माण विभाग भी व्यवस्था में जुटा हुआ है कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा भव्य रूप से कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे हैं जिसमें उद्यान विभाग भी विशेष सहयोग कर रहा है, नगर आयुक्त के निर्देश अनुसार अपर नगर आयुक्तों को मॉनिटरिंग प्रबल बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं जिसके क्रम में शहर के सभी पार्कों तथा कार्यक्रम स्थलों पर अधिकारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है जिसमें विशेष रूप से उद्यान विभाग टीम की ड्यूटी पार्कों पर लगाई गई हैl

महापुरुषों के प्रतीकों पर अब नहीं लगते मेले, सिर्फ खास दिन रखा जाता है ख्याल, क्यों ?

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