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मुख्यमंत्री आरोग्य मेला
गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता
स्वास्थ्य विभाग द्वारा रविवार को आयोजित होने वाले आरोग्य मेले में खानापूर्ति का दौर चल रहा है इस बात का अंदाजा इस तरह लगाया जा सकता है कि आरोग्य मेले से सरकारी अस्पताल में मरीजों को रेफर किया जा रहा है जबकि सरकारी अस्पतालों की हालत किसी से छुपी नहीं है। सरकारी अस्पतालों में मशीन खराब है स्टाफ की कमी है दावों का टोटा है और आरोग्य मेले में इस तरह से मरीजों को रेफर किया जा रहा है जैसे कि सरकारी अस्पतालों में शानदार सुविधाएं मिलेंगे और गरीब परेशान हाल मरीज जल्द से जल्द स्वस्थ हो जाएंगे।
आरोग्य मेला
आरोग्य मेले में अलग-अलग स्वास्थ्य केदो पर इलाज करने पहुंचे 252 मरीजों को रेफर कर दिया गया मरीज को बताया गया कि एक्सरे सीटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड करने के लिए एमजी संजय नगर स्थित संयुक्त अस्पताल और जिला महिला अस्पताल में जांच करने के लिए जाना होगा मरीजों को 3 दिन की दवाई देकर मंगलवार को जांच करने की सलाह दी गई आरोग्य मेले के नोडल अधिकारी डॉ राकेश गुप्ता ने बताया कि आरोग्य मेले में विभिन्न आयु वर्ग के लोग पहुंचे कल 942 बच्चे और 463 गर्भवती महिलाओं को टीके लगाए गए डॉ राकेश ने कहा कि शहर में अधिकांश लोग ऐसे हैं जो सोमवार से शनिवार तक काम करते हैं इस कारण से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां होने पर अस्पताल नहीं जा पाए लेकिन रविवार को अवकाश होने पर वह नजदीकी स्वास्थ्य केदो में इलाज करते हैं उन्होंने बताया कि कुत्ते और बंदर के काटने घायल हुए 42 लोगों को मौके पर ही एंटी रेबीज का टीका दिया गया।
स्टाफ की भारी कमी
सरकारी अस्पताल में ओपीडी शुरू कर दी गई है जहां 12 केबिन में अलग-अलग चिकित्सा विशेषज्ञ बैठते हैं लेकिन वही इमरजेंसी में स्टाफ ही नहीं है जिसके चलते किसी भी इमरजेंसी केस को निपटने के लिए ओपीडी में मौजूद डॉक्टर को अपनी सीट छोड़कर तुरंत इमरजेंसी पहुंचना पड़ता है। जबकि अस्पताल में 60% काम अभी अधूरा है जिसका निर्माण कार्य बेहद धीमी गति से चल रहा है।अस्पताल में स्टाफ की कमी प्रमुखता से नजर आ रही है जहां इतने बड़े अस्पताल को स्वच्छ रखने के लिए सिर्फ दो सफाई कर्मचारी हैं जबकि अस्पताल की सुरक्षा के लिए एक भी चौकीदार नहीं है सफाई कर्मचारी ही रात में चौकीदार की भूमिका निभाते हैं।
इमरजेंसी फोन नंबर ठप
एमएमजी अस्पताल में एक दिन में करीब हजारों मरीज इलाज के लिए आते हैं. हालांकि इनमें से कई लोगों को बिना इलाज के ही घर लौटना पड़ता है, क्योंकि अस्पताल में सुविधाओं का अभाव है. यही नहीं, आपातकालीन नंबर और अस्पताल कार्यलय का नंबर भी बंद है. मरीजों का आरोप है कि अपने रूम में से अक्सर सीएमएस गायब रहते हैं. ऐसे में मरीजों के पर्चे पर अगर जरूरी हस्ताक्षर होने हों तो वो काम रह जाते हैं। सीएमएस के कमरे के दो नंबर दिए गए हैं. पहला है कार्यलय ( 0120-4100168) और दूसरा इमरजेंसी विभाग (0120-4158168) . दुर्भाग्य है कि इनमें से किसी भी नंबर पर रिस्पांस नहीं मिलता।
सीटी स्कैन मशीन खराब
संयुक्त अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन खराब होने से जांच कराने पहुंचे मरीजों को काफी देर इंतजार करना पड़ा लेकिन शाम तक मशीन सही नहीं हो सकी। इंजीनियर देर शाम तक मशीन सही करने में लगे थे। चार महीने में मशीन तीसरी बार खराब हुई है।अधिकारियों का कहना है कि जल्द मशीन ठीक होने पर जांच शुरू हो जाएगी। संजयनगर स्थित संयुक्त अस्पताल में मरीजों की जांच शुरू हुई थी। दो मरीजों की जांच हो पाई थी लेकिन तीसरे मरीज की जांच के दौरान रिपोर्ट में गलत (एरर) आने लगा। काफी प्रयास के बाद भी जांच नहीं हो सकी। इसके बाद तकनीकी खराबी के साथ ही जांच बंद हो गई। सोमवार को 20 मरीज सीटी स्कैन करवाने पहुंचे थे लेकिन जांच बंद होने से 10 मरीज वापस लौट गए थे जबकि दस मरीज इंतजार कर रहे थे।