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Attendance scam of municipal corporation: पांचों जोन में हो रहा फर्जीवाडा, जहां ज्यादा माननीय, वहीं ज्यादा गोलमाल, जाने कहां कितना?

महज एक दिन की जांच में 660 कर्मचारियों की फर्जी अटेंडेंस लगाना कोई मामूली बात नहीं है, बल्कि इससे पता चलता है कि कितने बड़े स्तर पर जनता से टैक्स की मोटी वसूली करके ये गोलमाल किया जा रहा है। खास बात ये कि जिस जोन में ज्यादा वीआईपी वहीं बड़ा फर्जीवाड़ा।

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Rahul Sharma
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गाजियाबाद, चीफ रिपोर्टर।

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नगर आयुक्त के निर्देश पर महज 30 मई के दिन की ऑन लाइन अटेंस की कंट्रोल रुम द्वारा की गई जांच में 660 कर्मचारियों की फर्जी अटेंडेंस मिली हैं। महज एक दिन में इतने कर्मचारियों की फर्जी हाजिरी से ही आप अंदाजा लगा सकते हैं कि लगभग रोजोना निगम को 10 लाख से ज्यादा की चपत लगाई जा रही थी। यानि हर महीने करोड़ों का गोलमाल। इस कारगुजारी में नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के पांचों जोन शामिल हैं। यानि साफ है कि ये गोलमाल उच्चाधिकारियों की शह पर चल रहा था। सबसे ज्यादा खोस बात तो ये कि जिस कविनगर जोन में सबसे ज्यादा अधिकारी और माननीयों के साथ-साथ अन्य वीआईपी रहते हैं, वहीं सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा हो रहा था। आईये जोनवार आपको बताते हैं कि कहां कितने कर्मचारियों की फर्जी अटेंडेंस लगाई जा रही थी।

सिटी जोन

नगर निगम के सिटी जोन में यूं तो सैकड़ों की तादात में सफाई कर्मचारियों की तैनाती का निगम अफसर दावा करते हैं। मगर, हकीकत इस एक दिन की जांच से ही सामने आ गई है। सिटी जोन के लगभग सभी वार्डों से स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की फर्जी ऑन लाइन अटेंडेंस लगाने की बात एक दिन की जांच में सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक सिटी जोन में 30 मई को ऑन लाइन गाजियाबाद 311 ऐप के जरिए कुल 95 कर्मचारियों की फर्जी अटेंडेंस लगाई गई थी। अब आप खुद सोचिए जब सौ के करीब कर्मचारियों की फर्जी हाजिरी लग रही है। तो साफ है कि हर दिन लाखों का चूना सिटी जोन के स्वास्थ्य विभाग द्वारा निगम को लगाया जा रहा है।

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कविनगर जोन

अब बात कर लेते हैं उस कविनगर जोन की जहां जिले के तमाम उच्चाधिकारी ही नहीं बल्कि हमारे सांसद अतुल गर्ग और मुरादनगर विधायक अजीत पाल त्यागी समेत तमाम दिग्गज जनप्रतिनिधि और नेता रहते हैं। राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार नरेंद्र कश्यप का आवास भी इसी जोन में आता है। ये वीआईपी इलाका भी स्वास्थ्य विभाग की हेराफेरी से अछूता नहीं है। बल्कि यहां तो सिटी जोन से भी ज्यादा गोलमाल हो रहा है। 30 मई को पकड़ी गई 660 फर्जी ऑन लाइन अटेंडेंस में से 179 अकेले कविनगर जोन से ही हैं।

मोहननगर जोन

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अब बात कर लेते हैं ट्रांस हिंडन के मोहन नगर जोन की। दिल्ली की सीमा से सटे इस जोन में भी स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की शह पर कर्मचारियों की फर्जी अटेंडेंस लगाकर मोटा गोलमाल किया जा रहा था। नगर आयुक्त के निर्देश पर 30 मई की ऑन लाइन अटेंड की जब पड़ताल हुई तो नगर निगम के इस जोन में 158 कर्मचारियों की फर्जी अटेंडेंस लगी मिली।

वसुंधरा जोन

अब बात कर लेते हैं योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री और साहिबाबाद विधायक सुनील कुमार शर्मा के गृह क्षेत्र वसुंधरा के जोन की। वसुंधरा जोन में भी इसी तरह का फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस जोन में 30 मई को 311 ऐप पर दर्ज हुई ऑन लाइन कर्मचारियों की अटेंडेंस में से 112 की फर्जी अटेंडेंस ऑन लाइन ऐप पर दर्ज की गई थीं।

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विजयनगर जोन

अब बात कर लेते हैं निगम के पांचवें और सबसे पिछड़े माने जाने वाले विजयनगर जोन की। हालाकि शहर विधायक संजीव शर्मा अब इसी जोन अंतर्गत प्रताप विहार में रह रहे हैं। लेकिन ये जोन भी स्वास्थ्य विभाग के इस बड़े फर्जीवाड़े से अछूता नहीं है। इस जोन में 311 ऐप के जरिये ऑन लाइन 114 कर्मचारियों की फर्जी अटेंडेंस 30 मई की जांच में पाई गई हैं।

उच्चाधिकारियों के बगैर संभव नहीं ये गोलमाल !

भले ही इस मामले में अब तक कोई उच्चस्तरीय जांच नहीं हो रही। लेकिन ये साफ है कि इतने बड़े स्तर पर चल रहा ये गोरखधंधा सिर्फ सुपरवाइजरों या निचले स्तर के अफसरों-कर्मचारियों की शह पर नहीं किया जा सकता है। जाहिर है कि इसमें बड़ी मछलियों के भी शामिल होने की पूरी-पूरी संभावना है। देखना होगा कि मामले में कोई ठोस एक्शन होगा या फिर जनता के टैक्स का पैसा यूं ही लूटा जाता रहेगा।  

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