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Attention : आखिर क्यों है गुलमोहर एनक्लेव में भय का माहौल

राकेश मार्ग पर बनी चर्चित आवासीय सोसायटी गुलमोहर एनक्लेव इन दिनों भय और असुरक्षा के माहौल में जी रही है। यहां न केवल इंसानों की सुरक्षा सवालों के घेरे में है, बल्कि सोसायटी में खड़े वाहनों की भी स्थिति चिंताजनक हो चुकी है।

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Syed Ali Mehndi
गुलमोहर सोसायटी निवासी

गुलमोहर सोसायटी निवासी

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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता 

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राकेश मार्ग पर बनी चर्चित आवासीय सोसायटी गुलमोहर एनक्लेव इन दिनों भय और असुरक्षा के माहौल में जी रही है। यहां न केवल इंसानों की सुरक्षा सवालों के घेरे में है, बल्कि सोसायटी में खड़े वाहनों की भी स्थिति चिंताजनक हो चुकी है। स्थानीय निवासी आए दिन अपने वाहनों पर स्क्रेच, डेंट, टूटी हुई सीट और गाड़ियों पर पेंट फेंके जाने की घटनाओं से परेशान हैं।इस समस्या के केंद्र में सोसायटी का एक युवक है, जिसे लेकर आरडब्लूए (रजिस्टर्ड वेलफेयर एसोसिएशन) का रवैया बेहद गैर-जिम्मेदाराना नजर आ रहा है। शिकायतें मिलने के बावजूद आरडब्लूए ने उसे "मानसिक रूप से विक्षिप्त" करार देकर मामले से हाथ झाड़ लिए हैं।

सोसाइटी में भय का माहौल
सोसाइटी में भय का माहौल

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गंभीर आरोप 

स्थानीय निवासी गौरव बंसल ने बताया कि उन्होंने खुद देखा कि कैसे एक बच्ची दौड़ती हुई आरडब्लूए दफ्तर में आई और मदद की गुहार लगाई। उसी समय वही युवक हाथ में चाकू लेकर बच्ची के पीछे भागता हुआ दिखाई दिया। गनीमत रही कि वहां मौजूद लोगों ने समय रहते बच्ची को बचा लिया।इस युवक की हरकतों से प्रभावित लोगों में टॉवर सी-1 निवासी राहुल बंसल, टावर SP-2 की रश्मि चौधरी, टावर M-2 के नवीन पाहवा और लव कुश शामिल हैं। सभी के वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया है। रश्मि चौधरी ने बताया कि उनके वाहन पर रोज नए स्क्रेच दिखाई देते हैं, जिससे तंग आकर उन्होंने अपने निजी खर्च पर सीसीटीवी कैमरा लगवा लिया है। गौरव बंसल की स्कूटी भी प्रतिदिन क्षतिग्रस्त मिलती है।

मंडरा रहा है खतरा 

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यहां तक कि टावर SP-1 निवासी ए के पवार की कार पर कोई व्यक्ति पेंट फेंककर चला जाता है। इस तरह की घटनाएं न केवल संपत्ति का नुकसान कर रही हैं बल्कि बच्चों और बुजुर्गों की जान पर भी खतरा मंडरा रहा है।निवासियों की मांग है कि सोसायटी में तत्काल प्रभाव से सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और युवक के खिलाफ उचित कानूनी कार्यवाही की जाए। गौरव बंसल की बात सच लगती है—"वाहन तो फिर भी ठीक हो सकते हैं, लेकिन अगर किसी मासूम की जान चली गई तो उसकी भरपाई असंभव है। अब देखना यह है कि गुलमोहर एनक्लेव आरडब्लूए नींद से कब जागेगा और निवासियों को राहत देगा या फिर किसी बड़े हादसे का इंतजार करेगा।

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