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Audacity : पुलिस कमिश्नर ऑफिस के सामने प्रतिबंध मांस की बिक्री का आरोप

पुलिस लाइन स्थित पुलिस कमिश्नर कार्यालय के सामने एक गंभीर मामला प्रशासनिक उदासीनता का प्रतीक बनता जा रहा है। शिकायतकर्ता आल्हा मैहर पुत्र मेहताब, निवासी हरसाव , पुलिस लाइन, गाजियाबाद ने पुलिस कमिश्नर को दिए गए अपने शिकायती पत्र में एक बेहद गंभीर आरोप

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Syed Ali Mehndi
शिकायत पत्र

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गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता

पुलिस लाइन स्थित पुलिस कमिश्नर कार्यालय के सामने एक गंभीर मामला प्रशासनिक उदासीनता का प्रतीक बनता जा रहा है। शिकायतकर्ता आल्हा मैहर पुत्र मेहताब, निवासी हरसाव , पुलिस लाइन, गाजियाबाद ने पुलिस कमिश्नर को दिए गए अपने शिकायती पत्र में एक बेहद गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि कमिश्नर ऑफिस के ठीक सामने स्थित मेहराज बिरयानी की दुकान पर प्रतिबंधित पशु – भैंस के साथ गाय का मांस – का उपयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही बिरयानी में नशीले पदार्थ जैसे चरस मिलाने की भी बात कही गई है।

ठोस कार्यवाही नही 

आल्हा मैहर की शिकायत के बाद उच्च अधिकारियों द्वारा जांच के आदेश तो दिए गए, लेकिन उसके बाद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। हैरानी की बात यह है कि जिस दुकान पर इतने गंभीर आरोप लगे हों, वह दुकान आज भी खुलेआम चल रही है और कारोबार बदस्तूर जारी है। इससे न केवल प्रशासन की निष्क्रियता उजागर होती है, बल्कि यह भी स्पष्ट होता है कि कहीं न कहीं स्थानीय स्तर पर प्रभावशाली लोगों का संरक्षण इस अवैध कार्य में शामिल है।

गंभीर समस्या

गौरतलब है कि भारत में गाय के मांस की बिक्री और सेवन कई राज्यों में कानूनी रूप से प्रतिबंधित है। इसके अतिरिक्त, खाद्य पदार्थों में किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थों का मिलाया जाना गंभीर अपराध है, जो न केवल जनस्वास्थ्य के लिए घातक है बल्कि कानून व्यवस्था की दृष्टि से भी अत्यंत चिंताजनक है। ऐसे में, इस प्रकार की शिकायत के बावजूद यदि प्रशासन मौन बना हुआ है, तो यह स्थिति भविष्य में और भी गंभीर रूप ले सकती है।

स्थानीय लोगों ने चर्चा 

स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की मांग है कि इस मामले में शीघ्र और निष्पक्ष जांच की जाए तथा दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए। यदि इस प्रकार की घटनाओं को अनदेखा किया गया, तो यह न केवल कानून का मखौल होगा, बल्कि आम जनता का विश्वास भी प्रशासन से उठ जाएगा। अब देखना यह है कि गाजियाबाद पुलिस और प्रशासन इस मामले में कितनी तत्परता दिखाता है या फिर यह मामला भी अन्य कई शिकायतों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा।

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