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Babbar khalsa Terrorist: सीनियर जनर्लिस्ट के पते पर बना था आधार कार्ड, पासपोर्ट बनवाने की भी की कोशिश

गुरुवार को यूपी के कौशांबी जिले में पकड़े गए आतंकी ने गाजियाबाद में जिस पते पर अपना फर्जी आधार कार्ड बनवाया था वो एक सीनियर जनर्लिस्ट का निकला। दिल्ली से चंद्रनगर के इस घर के पते ही आतंकी ने अपना पासपोर्ट बनवाने की भी कोशिश की थी।

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Rahul Sharma
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कौशांबी जिले में पकड़े गए बब्बर खालसा आतंकी के पास मिले गाजियाबाद एड्रेस वाले मकान और उस इलाके चंद्रनगर की आरडब्लूए अध्यक्ष।

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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता।

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पाकिस्तान की आईएसआई से कथित संबंध रखने वाले बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के एक 'सक्रिय आतंकवादी' को गुरुवार तड़के यूपी के कौशांबी जिले से उत्तर प्रदेश एसटीएफ और पंजाब पुलिस के संयुक्त अभियान में गिरफ्तार किया था। उसके पास से गाजियाबाद के पते वाला आधार कार्ड मिला था। पड़ताल में खुलासा हुआ है कि ये आधार कार्ड फर्जी था। और आतंकी ने इस पते पर अपना पासपोर्ट भी बनवाने की कोशिश की थी। चौंकाने वाली बात ये है कि जिस एड्रेस पर आधार कार्ड बना है और पासपोर्ट बनवाने की कोशिश की गई वो दिल्ली से एकदम सटा गाजियाबाद का इलाका है।

सीनियर जनर्लिस्ट के पते पर बना फर्जी आधार कार्ड

कौशांबी जिले से पकड़े गए आतंकी लज़र मसीह के आधार कार्ड पर गाजियाबाद गाजियाबाद के दिल्ली से सटे चन्द्रनगर के B-55 का एड्रेस था। इस एड्रेस पर शर्मा सदन लिखा है। मकान नरेंद्र शर्मा का है। नरेंद्र जहां आईटी कंपनी में कार्यरत हैं, वहीं उनके पिता एक मीडिया संस्थान में सीनियर जनर्लिस्ट हैं। पुलिस की पड़ताल मेंं खुलासा हुआ है कि आतंकी ने इस पते पर न सिर्फ फर्जी आधार कार्ड बनवाया था। बल्कि इस पते पर ही अपना पासपोर्ट बनवाने के लिए भी आवेदन किया था।

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परिवार बोला हमारा पंजाब से कोई नाता नहीं

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दिल्ली से सटे चंद्रनगर का वो मकान जिसका पता आतंकी ने अपने फर्जी आधार कार्ड में इस्तेमाल किया था और उसमें रहने वाले शख्स।

 

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घर पर मौजूद नीरज ने बताया कि उनका या उनके परिवार का किसी तरह का कोई संबंध पंजाब से नही रहा है। और ना ही वो किसी लजर मसीह नाम के शख्स को जानते हैं। उन्होंने कहा कि 90 के दशक से परिवार इसी मकान में रह रहा है। उनकी मां हिमाचल की हैं, तो पिता एक नामचीन मीडिया घराने में दशकों से कार्यरत रहे हैं। उन्होंने न सिर्फ फर्जी आधार कार्ड बनने पर हैरानी जताई बल्कि वो सहमे हुए हैं।

मीडिया पहुंची तो 112 पर कॉल घुमाई

पड़ताल के लिए उनके आवास पर जब मीडिया कर्मी पहुंचे तो परिवार वालों ने कॉल करके 112 के जरिये पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और वहां पहुंचे मीडियाकर्मियों के बारे में छानबीन करके उन्हें बताया कि घर आए लोग मीडिया वाले ही हैं। साथ ही तब ही उन्हें इस प्रकरण की जानकारी हुई।

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RWA अध्यक्ष बोलीं-गंभीर मामला,फर्जीवाड़ा करने वालों पर हो सख्त कार्रवाई

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चंद्रनगर आरडब्लूए की अध्यक्ष रीता सिंह मामले के संबंध में जानकारी देते हुए।

 

इस मामले में चंद्रनगर बी ब्लाक आरडब्लूए की अध्यक्ष रीता सिंह ने प्रकरण पर चिंता जताते हुए कहा कि ये बेहद गंभीर मामला है। इस फर्जीवाड़े को प्रशासनिक मशीनरी से जुड़े किसी खास शख्स की मदद से अंजाम दिया गया है। ऐसे शख्स का पकड़ा जाना और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होना बेहद जरूरी है।

ये हुआ था गिरफ्तार

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यूपी के कौशांबी जिले से एसटीएफ यूपी के हत्थे चढ़ा आतंकी।

 

जिस शातिर के पास से गाजियाबाद के पते का आधार कार्ड मिला है वो पंजाब में अमृतसर के रामदास इलाके के कुर्लियान गांव का निवासी था। संदिग्ध आतंकवादी लाजर मसीह को गुरुवार को तड़के करीब 3.20 बजे पकड़ा गया। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (यूपी स्पेशल टास्क फोर्स, कानून व्यवस्था) अमिताभ यश के मुताबिक यह अभियान कौशांबी के कोखराज थाना क्षेत्र में चलाया गया था। गिरफ्तार आतंकवादी बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के जर्मनी स्थित मॉड्यूल के प्रमुख स्वर्ण सिंह उर्फ जीवन फौजी के लिए काम करता है और पाकिस्तान स्थित आईएसआई के गुर्गों के साथ सीधे संपर्क में है। 

ये हुई थी बरामदगी

गौरतलब है कि यूपी एसटीएफ ने आतंकवादी से कुछ विस्फोटक सामग्री और अवैध हथियार बरामद किए थे। अधिकारियों के मुताबिक जब्त किये गये सामान में तीन हथगोले, दो सक्रिय डेटोनेटर, एक विदेशी पिस्तौल और 13 विदेशी कारतूस भी थे। इसके अलावा उसके पास से एक सफेद रंग का विस्फोटक पाउडर, गाजियाबाद के पते वाला एक आधार कार्ड, बिना सिम कार्ड वाला एक मोबाइल फोन भी बरामद किया गया था। यह आतंकवादी 24 सितंबर 2024 को पंजाब में न्यायिक हिरासत से भाग गया था।

लोकल पुलिस-इंटेलिजेंस अब भी सन्न

एसटीएफ की तरफ से गुरुवार को तड़के ही इस बाबत लोकल पुलिस को सूचना दी गई थी। जिसके आधार पर स्थानीय पुलिस ने पड़ताल शुरू कर दी थी। उधर, आतंकी के गाजियाबादी कनेक्शन का पता चलने से लोकल पुलिस के अफसरों और इंटेलिजेंस में भी हड़कंप मचा था। उधर, मामले की पड़ताल के लिए नोएडा एसटीएफ की यूनिट भी गाजियाबाद में डेरा डाले थे।

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