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Bharat Shaurya Yatra : गाजियाबाद में देशभक्ति की अनुपम मिसाल

भारत शौर्य यात्रा ने पूरे शहर को देशभक्ति के रंग में रंग दिया। यह यात्रा भारतीय सेना और अन्य सुरक्षा बलों की वीरता, बलिदान और सेवा भावना को समर्पित थी, जिसने स्थानीय लोगों के दिलों को छू लिया। कार्यक्रम में युवाओं, स्कूली बच्चों, बुजुर्गों और राजनेताओं

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Syed Ali Mehndi
भारत शौर्य यात्रा

भारत शौर्य यात्रा

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गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता

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भारत शौर्य यात्रा ने पूरे शहर को देशभक्ति के रंग में रंग दिया। यह यात्रा भारतीय सेना और अन्य सुरक्षा बलों की वीरता, बलिदान और सेवा भावना को समर्पित थी, जिसने स्थानीय लोगों के दिलों को छू लिया। कार्यक्रम में युवाओं, स्कूली बच्चों, बुजुर्गों और राजनेताओं की भागीदारी ने इसे एक व्यापक जनआंदोलन का रूप दे दिया।

भव्य यात्रा
भव्य यात्रा

 

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भव्य कार्यक्रम

कार्यक्रम की शुरुआत एक भव्य शोभा यात्रा के रूप में हुई, जिसमें स्कूली बच्चों ने हाथों में तिरंगा लेकर पूरे जोश और उत्साह के साथ भाग लिया। बच्चों ने देशभक्ति गीतों पर नृत्य प्रस्तुत किए और 'भारत माता की जय' तथा 'वंदे मातरम्' जैसे गगनभेदी नारों से वातावरण को राष्ट्रप्रेम की भावना से ओतप्रोत कर दिया। यह दृश्य देखकर हर कोई गर्व और उत्साह से भर गया। देश के भविष्य, यानी इन बच्चों में जो जुनून नजर आया, वह निश्चित रूप से भारत के उज्ज्वल कल की ओर इशारा करता है।

कई नेता मौजूद

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इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे। उन्होंने न सिर्फ भारत की सेवा कर रहे वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की, बल्कि नागरिकों से भी अपील की कि वे देश की एकता और अखंडता के लिए हमेशा तैयार रहें। नेताओं ने कहा कि ऐसी यात्राएं देश की जनता को अपने सच्चे नायकों की याद दिलाती हैं और देशभक्ति की भावना को मजबूत करती हैं।

दिखाई दिया जोश

स्थानीय नागरिकों ने भी इस आयोजन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। बाजार, मोहल्लों और कॉलोनियों से लोग झुंड बनाकर शौर्य यात्रा में शामिल हुए। खास बात यह रही कि न केवल पुरुष, बल्कि महिलाएं और वरिष्ठ नागरिक भी इस आयोजन में उत्साहपूर्वक भाग ले रहे थे। कई स्थानों पर लोगों ने फूल बरसाकर और तिरंगा लहराकर यात्रा का स्वागत किया। इस तरह, यह आयोजन किसी एक राजनीतिक पार्टी या संगठन का न होकर पूरे शहर का आयोजन बन गया।

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 सुरक्षा बलों को सम्मान

शौर्य यात्रा का उद्देश्य न केवल हमारे सुरक्षाबलों को सम्मान देना था, बल्कि नागरिकों में राष्ट्रीयता की भावना को फिर से जागृत करना भी था। आज जब समाज में अनेक चुनौतियां सामने हैं, तब ऐसे आयोजन लोगों को जोड़ने, उनमें एकता की भावना भरने और देश के प्रति समर्पण की प्रेरणा देने का कार्य करते हैं।

सभी एकजुट 

इस यात्रा ने यह स्पष्ट कर दिया कि आज भी देश के नागरिक अपने सैनिकों, स्वतंत्रता सेनानियों और देशभक्ति के मूल्यों के लिए पूरी तरह समर्पित हैं। भारत शौर्य यात्रा न केवल एक कार्यक्रम था, बल्कि यह एक संकल्प था—देश को सशक्त, एकजुट और गौरवपूर्ण बनाने का। गाजियाबाद की धरती पर जो राष्ट्रप्रेम देखने को मिला, वह निश्चित ही आने वाले समय में और अधिक मजबूत होगा।

 

 

 

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