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Bjp Action: पार्टी की मुखालफत कर संगीत सोम की तरह अर्श से फर्श की ओर नंदकिशोर!

सरधना के पूर्व विधायक रहे संगीत सोम की तर्ज पर नंदकिशोर ने भी विवादित बयानों के जरिये प्रसिद्धी भी पाई और नाम भी कमाया। मगर, वो भूल गए कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी में अनुशासनहीनता की सजा क्या है? इसी भूल की सजा नंदकिशोर को मिलने वाली है।

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Rahul Sharma
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बजट सत्र में मुरादनगर विधायक अजीत पाल त्यागी के साथ लोनी विधायक नंदकिशोर गूर्जर। फाइल फोटो

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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता।

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म्हारे वेस्टर्न यूपी में एक कहावत है कि जो जितना जल्दी चढ़े, उत्ती जल्दी गिरे, शायद बीजेपी के लोनी विधायक नंदकिशोर गूर्जर इस बचपन में सुनी कहावत को भूल गए। लगातार मिलती पब्लिकसिटी और खबरों में बने रहने की लालसा ने उनसे उसी नाव में छेद करने जैसी गलती करा दी, जिसके बूते वो जहां हैं वहां तक पहुंचे थे। ठीक उनकी ही तरह ये चूक की थी वेस्टर्न यूपी के नेता और सरधना के विधायक संगीत सोम ने। सब जानते हैं कि आज संगीत सोम जो कल तक बीजेपी के फायर ब्रांड नेता थे आज कहां हैं ?

पुलिस कमिश्नर को कोसा, खप गया

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अपनी सिक्योरिटी हटाए जाने के बाद से नाराज नंदकिशोर गूर्जर ने जब-जब मौका मिला, तब-तब पुलिस कमिश्नर के खिलाफ खूब आग उगली। दो दिन पहले भी उनकी माताजी का जिक्र करके एक विवादित बयान दिया। यहां तक भी सब बर्दाश्त था। लेकिन इसके बाद सीधे सरकार और पार्टी को ही कटघरे में खड़ा कर देना बड़ी भूल थी। नतीजा, खुद उनके भी सामने हैं कि सात दिन में अपनी नाफरमानी का जवाब देना है। कोई संगी-साथी पास नहीं। जो कल तक मदद करने का वायदा कर उकसा रहे थे, उन्होंने भी संपर्क में रहना या संपर्क साधना बंद कर दिया है। यहां तक कि जिस हिन्दुत्व को ढाल बनाकर नंदकिशोर ने सीधे योगी सरकार की नीतियों को कटघरे में खड़ा किया, उस कथा में भी सहयोगी जाने से डर रहे हैं।

मुख्य सचिव को भी कहे 'अपशब्द'

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पुलिस कमिश्नर को लेकर हमला करने वाले नंदकिशोर गूर्जर का होंसला कुछ लोगों ने बढ़ाया। तो उन्होंने पुलिस कमिश्नर के साथ-साथ सूबे के मुख्य सचिव को लेकर भी आग उगलनी शुरू कर दी। मगर, वो ये भूल गए कि उनकी ये नाफरमानी पुलिस कमिश्नर के सपोर्टर से बहुत ऊपर तक उन लोगों को भी उनका दुश्मन बना देगी, जो मुख्य सचिव को बेहतर अफसर मानते हुए उन्हें सूबे में इतनी बड़ी जिम्मेदारी देते हुए इस ओहदे पर बैठाए हैं। अति उत्साह की आदत और जल्द से जल्द खुद को बड़े स्तर तक पहुंचाने की उनकी चाहत ने उन्हें मुख्य सचिव को लेकर भी अशोभनीय टिप्पणियां करने के लिए उकसाया। नतीजा ये हुआ कि महज एक विधायक होकर उन्होंने मुख्य सचिव को लेकर भी वो सब कह डाला जो किसी भी धर्म में किसी की माताजी को कोड करके कहना आपत्तिजनक होगा।

योगी सरकार पर भी कर दिया प्रहार

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हालाकि योगी सरकार की कार्यशैली पर नंदकिशोर ने पहली बार हमला नहीं किया। बल्कि, इससे पहले भी वो विधानसभा सत्र में धरने पर बैठकर योगी सरकार को विपक्ष के सामने असहज कर चुके थे। मगर,दो दिन पहले जिस तरह से टिप्पणियां करके नंदकिशोर ने यूपी की योगी सरकार पर अंगुलियां उठाई वो पार्टी को चुभ गई। जिसका नतीजा ये रहा कि नंदकिशोर को सात दिन में स्पष्टीकरण देने का नोटिस जारी हुआ है।

सीएम योगी और बीजेपी को चुनौती पड़ी सबसे भारी

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इसे अति जल्द बड़ा करने की लालसा कहें या फिर नासमझी कि जिस झंडे के नीचे सियासत की ABCD पढ़कर नंदकिशोर फायर ब्रांड नेता बने, उसी पार्टी और उस पार्टी की सरकार को लेकर कटाक्ष करने से भी नंदकिशोर नहीं चूके। बल्कि, पार्टी के प्रदेश नेतृत्व से लेकर केंद्रीय नेतृत्व को भी उन्होंने मीडिया को दिए अपने बयानों से असहज कर डाला।

भूल गए भविष्य के पीएम दावेदार हैं 'योगी'

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नंदकिशोर गूर्जर ने जिस तरह से पहले सरकारी मशीनरी को टारगेट किया, फिर प्रदेश की सरकार को और उसके बाद सीधे सीएम योगी को। साफ हो गया कि कोई तो बड़ा है, जो उन्हें ऐसा करने की ताकत दे रहा है। मगर, पार्टी के एक्शन लेते ही सब साइड हो गए। नतीजा, अब नंदकिशोर अकेले हैं। और उनकी सपोर्ट करने वाले सभी शांत। लिहाजा, सभी जान भी गए हैं, और समझ भी गए हैं, कि पार्टी का प्रदेश नेतृत्व ही नहीं, बल्कि केंद्रीय नेतृत्व भी नंदकिशोर पर बड़ा एक्शन लेने वाला है।

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