गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जो स्वयं को विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बताती है, आजकल संगठन विस्तार और जनसंपर्क अभियानों में सक्रिय है। आए दिन पार्टी द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, महापुरुषों की जयंती व पुण्यतिथियों पर श्रद्धांजलि दी जा रही है। लेकिन इन आयोजनों के बीच संगठन के भीतर भीतरखाने नाराजगी और असंतोष भी साफ दिखाई दे रहा है।
ताजा मामला मुरादनगर शहर मंडल का है, जहां मंडल अध्यक्ष राहुल गोयल ने खुद को कार्यक्रमों में उपेक्षित किए जाने को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने फेसबुक पोस्ट के जरिए पार्टी के स्थानीय नेतृत्व पर सवाल खड़े किए हैं और अपनी नाराजगी सार्वजनिक की है।
मंडल अध्यक्ष ने फेसबुक पोस्ट में बयां की पीड़ा
राहुल गोयल ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि मुरादनगर शहर मंडल के पंचायत प्रतिनिधि सम्मेलन में उनकी तस्वीर तक नहीं लगाई गई। उन्होंने सवाल उठाया कि “मुरादनगर शहर मंडल अध्यक्ष का कोई प्रोटोकॉल है या नहीं?” साथ ही लिखा कि अब तक जो सहा वो अब नहीं सहेंगे और अब सीधे बात की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि वह इस मुद्दे को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के समक्ष उठाएंगे।
राहुल गोयल का आरोप है कि मंडल में हो रहे कार्यक्रमों में उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधि सम्मेलन का उदाहरण देते हुए बताया कि न केवल पोस्टर में उनका फोटो नहीं था, बल्कि मंच पर उन्हें स्थान भी नहीं दिया गया। हैरानी की बात यह है कि मंच पर ऐसे लोगों को जगह दी गई, जो कभी चुनावों में भाजपा के खिलाफ बगावत कर चुके हैं।
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कार्यक्रम में सांसद का भी फोटो न होना बना चर्चा का विषय
पंचायत प्रतिनिधि सम्मेलन के आयोजनों में एक और चौंकाने वाली बात यह रही कि गाजियाबाद के सांसद का भी फोटो कार्यक्रम के होर्डिंग्स पर नहीं था। जबकि वह इस समय विदेश दौरे पर हैं और उनके स्वागत की तैयारियां चल रही हैं। इसके बावजूद संगठन स्तर पर उनके फोटो को हटाया जाना पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच चर्चा का विषय बन गया है।
पार्टी पदाधिकारियों और संयोजकों की सफाई
इस पूरे मामले पर भाजपा के महानगर अध्यक्ष मयंक गोयल ने कहा कि यह कार्यक्रम पंचायत प्रतिनिधियों का था, न कि मंडल अध्यक्ष से जुड़ा कोई कार्यक्रम। इसलिए पार्टी के आदेशानुसार मुरादनगर और शहर विधानसभा में आयोजन किया गया। मुरादनगर कार्यक्रम के संयोजक बॉबी त्यागी और शहर कार्यक्रम के संयोजक सुरेन्द्र नागर थे।
सुरेन्द्र नागर ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि “प्रदेश स्तर से निर्धारित फॉर्मेट के अनुसार ही होर्डिंग्स तैयार किए गए थे। हमने अपनी तरफ से कोई बदलाव नहीं किया, जो निर्देश मिला वही किया।” वहीं बॉबी त्यागी ने भी माना कि विधायक का फोटो पहले और अध्यक्ष का बाद में छपना मानवीय भूल हो सकती है, लेकिन पूरा होर्डिंग प्रदेश स्तर से तय फॉर्मेट के आधार पर बना था।
क्या संगठन में सब कुछ ठीक नहीं?
मंडल अध्यक्ष की नाराजगी और सार्वजनिक पोस्ट से यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या पार्टी के भीतर स्थानीय स्तर पर गुटबाजी और अनदेखी की स्थिति बन रही है? जो नेता संगठन का प्रतिनिधित्व करता है, जब उसे ही मंच और सम्मान से दूर रखा जाए तो इससे पार्टी के भीतर समरसता और अनुशासन पर सवाल उठना लाजमी है।
हालांकि अभी तक पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सोशल मीडिया पर मंडल अध्यक्ष की इस पोस्ट के बाद कार्यकर्ताओं के बीच चर्चाएं गर्म हो गई हैं।
निष्कर्ष
भाजपा जैसी अनुशासित पार्टी में जब मंडल स्तर के पदाधिकारी खुलकर सोशल मीडिया पर नाराजगी जताने लगें, तो यह पार्टी के आंतरिक प्रबंधन पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि शीर्ष नेतृत्व इस मुद्दे को कैसे सुलझाता है और संगठन में समरसता बनाए रखने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।