गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता। भाजपा द्वारा 9 जून से शुरू किए जा रहे 'घर-घर सिंदूर वितरण अभियान' को लेकर राजनीतिक गलियारों में घमासान मचा हुआ है। विपक्षी दलों और महिला संगठनों ने इस पहल को नारी स्वतंत्रता पर हमला बताते हुए इसे सामाजिक-राजनीतिक दबाव का प्रतीक करार दिया है। अभियान के तहत भाजपा महिला मोर्चा की टीमें उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में जाकर विवाहित महिलाओं को सिंदूर वितरित करेंगी।
हालाँकि भाजपा ने इसे "संस्कृति से जोड़ने वाला" कदम बताया है, विपक्ष ने तीखी आलोचना करते हुए कहा है कि यह पहल महिलाओं की व्यक्तिगत आस्था में हस्तक्षेप है और एक विशेष सामाजिक भूमिका को थोपने की कोशिश है।
विपक्ष ने किया तीखा विरोध
कांग्रेस, सपा और रालोद जैसे दलों ने भाजपा पर महिला अधिकारों के नाम पर प्रतीकात्मक राजनीति करने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस महिला जिलाध्यक्ष सोनल नागर ने कहा, "सिंदूर भारतीय नारी के सुहाग, प्रेम और सात जन्मों के साथ का प्रतीक है। यह किसी पराए व्यक्ति द्वारा दिया जाना नारी अस्मिता का अपमान है। भाजपा अपनी नाकाम नीतियों को छिपाने के लिए सिंदूर को राजनीतिक ढाल बना रही है।"
सपा महिला सभा की प्रदेश उपाध्यक्ष राजदेवी चौधरी ने कहा, "कोई भी महिला दूसरे का दिया सिंदूर नहीं लगाती। यह महिला के स्वाभिमान और सम्मान का प्रतीक है। भाजपा इसे राजनीति में लाकर सनातन संस्कृति का ही अपमान कर रही है।"
रालोद की महानगर अध्यक्ष रेखा चौधरी ने तो सिंदूर को पूजा में उपयोग की बात कहकर खुद को विवाद से अलग रखने की कोशिश की, पर उन्होंने भी संकेत दिया कि यह पहल महिलाओं की धार्मिक भावना से खिलवाड़ है।
सोशल मीडिया पर भी उठे सवाल
इस अभियान को लेकर सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कई यूजर्स ने सवाल उठाया है कि क्या भाजपा इस सिंदूर वितरण के जरिए अविवाहित, विधवा या तलाकशुदा महिलाओं को कोई संदेश देना चाहती है?
कई लोगों ने इसे भारतीय संस्कृति की ‘चुनिंदा व्याख्या’ बताते हुए कहा है कि भाजपा महिलाओं को एक तय सामाजिक ढांचे में बाँधने की कोशिश कर रही है।
भाजपा के भीतर भी असहजता
हैरानी की बात यह है कि भाजपा की कई महिला नेता भी इस अभियान को लेकर सहज नहीं हैं।
महानगर संयोजिका उदिता त्यागी ने कहा, "यह हमारी संस्कृति के खिलाफ है। कोई भी महिला किसी और का दिया हुआ सिंदूर नहीं लगाती। पर यह पार्टी का कार्यक्रम है, तो हमें निभाना होगा।"
शहर मंडल प्रभारी मोनिका पंडित ने हालांकि इसे सामान्य बताते हुए कहा कि, "घर में कई महिलाएं एक ही डिब्बी से सिंदूर लगाती हैं। मंदिरों में भी पंडित सिंदूर लगाने को कहते हैं। यह कोई नया चलन नहीं है।"
विरोध के बाद भाजपा की सफाई
हालांकि चारों ओर से अलोचना और विरोध झेलने के बाद भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने "घर-घर सिंदूर" अभियान से जुड़ी खबरों को फर्जी बताते हुए विपक्ष, विशेषकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने इन खबरों को 'फेक न्यूज़' करार देते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को धूमिल करने का प्रयास है।
इन बयानों से स्पष्ट है कि 'घर-घर सिंदूर' और 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर राजनीतिक माहौल गर्म है, और अमित मालवीय भी विपक्ष पर हमलावर हैं।