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Budget 2025: शिक्षा के लिए शिक्षाविदों को ये दरकार...

देश भर में बजट को लेकर चर्चाएं हो रही हैं। गाजियाबाद में शिक्षा जगत से जुड़े लोगों को आने वाले बजट में किस तरह की अपेक्षाएं हैं इस पर हमने बात की गाजियाबाद के पुराने शुंभ दयाल पी०जी० डिग्री कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर अखिलेश मिश्र से

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Kapil Mehra
बजट
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गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता 

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केंद्रीय बजट 2025 26 को लेकर गाजियाबाद में हर वर्ग से जुड़ा नागरिक सरकार से उम्मीदें लगाए बैठा है। 5 तारीख को दिल्ली में चुनाव है। देखना ये है केंद्र सरकार आम बजट संसद में देश की दशा और दिशा बदलेने के लिए किस तरह के फैसले लेती है। यदि गाजियाबाद की बात हो तो जिले के शिक्षाविद बजय से किस तरह की उम्मीद लगा रहे हैं हमने बात की गाजियाबाद के सबसे बड़े और पुराने शंभू दयाल पी०जी० डिग्री कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर अखिलेश मिश्र से।

शिक्षा: क्या आएंगे बदलाव?

शिक्षा को लेकर सरकार क्या करने जा रही है, इस पर अभी सस्पेंस बना है। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सर्व शिक्षा अभियान, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे अभियानों को प्राथमिकता दे रहे हैं, वहीं  देखना होगा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बजट में विद्यार्थियों-शिक्षकों का ध्यान कितना रखती हैं। गाजियाबाद के मशहूर व पुराने शंभू दयाल पी०जी० डिग्ग्री कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर अखिलेश मिश्र ने कहा कि सरकार को स्वास्थ्य, सुरक्षा के साथ-साथ शिक्षा पर भी ध्यान देना चाहिए। प्रोफेसर अखिलेश मिश्रा की मानें तो बजट के जरिए सरकार की प्राथमिकता भी पता चलती है और ये भी साफ होता है कि सरकार किस क्षेत्र पर ज्यादा ध्यान देना चाहती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पिछले बजट भाषण का जिक्र करते हुए प्राचार्य अखिलेश कहते हैं कि वित्त मंत्री ने कहा था कि सरकार का फोकस चार वर्गों- गरीब, महिलाएं, युवा और अन्नदाता यानी किसानों पर है। लेकिन सरकार शिक्षा, छात्रों, शिक्षकों के लिए कोई खास नीति नहीं ला पाई है।

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शुंभ दयाल पीजी कॉलेज

प्रोफेसर अखिलेश मिश्र ने कहा कि जिस तरह आधुनिक भारत में शिक्षा एक अलग मुकाम पर पहुंच रही है, सरकार का सर्व शिक्षा अभियान, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान भी सफल रहा है, सरकार पहले से और अच्छे कदम उठाएगी तो भारत एक साक्षर देश बनकर विश्व में अपना अलग ही स्थान बना पाएगा।

उम्मीदें ये भी...

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जनता को पेट्रोल-डीजल के दामों में कटौती की उम्मीद है। लोग अनुमान लगा रहे हैं कि केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी में कमी कर सकती है। कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स के कुछ पुर्जों पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाई जाने का सपता देख रहे हैं।ताकि मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस सस्ते हो सकें।

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