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बजट पर विभिन्न व्यापारियों के विचार
जिले में लोगों की केंद्रीय बजट को लेकर अलग-अलग राय है। हालाकि ज्यादातर लोग बेहतर बतचा रहे हैं, मगर कुछ नाराज और मायूस भी हैं।
शानदार बजट मध्यम वर्ग पर है फोकस - इंद्रजीत सिंह टीटू
रालोद नेता एवं आइसक्रीम इंडस्ट्री के जाने-माने उद्यमी इंद्रजीत सिंह टीटू ने कहा कि आज के बजट को लेकर सरकार बधाई के पात्र है। आज का सरकार का सबसे बड़ा मास्टर स्ट्रोक 8 से 12 लाख तक आमदनी पर केवल आपको 10% टैक्स देना है। आज का बजट मध्यम वर्ग को फोकस करते हुए बनाया गया है। इस बजट को मध्यम वर्ग के लिए बनाया गया बजट कह सकते हैं।
इंडस्ट्री के लिए शानदार है बजट: अतुल जैन
गाजियाबाद लोहा व्यापार मंडल के अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध व्यापारी डॉ अतुल जैन का कहना है कि इंडस्ट्री के लिए मोदी सरकार का बजट शानदार है व्यापारियों के हितों की रक्षा की गई है मध्यम वर्ग को टैक्स में छूट दी गई है जबकि कैंसर जैसी घातक बीमारी की दवा सस्ती की गई है इसके अलावा डिजिटल इंडिया को कामयाब बनाने के लिए मोबाइल इंडस्ट्री को भी राहत दी गई है जिससे इलेक्ट्रॉनिक सामान के दामों में कमी आएगी विशेष रूप से मोबाइल के क्रय में काफी लाभ होगा।
इनकम टैक्स रिटर्न आसान, मध्यवर्ग को टैक्स में छूट- सरदार एसपी सिंह
रियल स्टेट के कारोबार से जुड़े और मौलाना आज़ाद एजुकेशन फाउंडेशन के पूर्व उपाध्यक्ष सरदार एस पी सिंह ने कहा कि सीनियर सिटीजन को टैक्स में बड़ी राहत देकर सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। ITR भरने की समय सीमा बढ़ाई गई है, अब चार साल तक रिटर्न भरा जा सकेगा। टीडीएस की सीमा भी बढ़ाकर 10 लाख रुपये की गई है। वरिष्ठ नागरिकों को दोगुनी टैक्स छूट का लाभ मिलेगा। इस बजट में वरिष्ठ नागरिकों, छात्रों, किसानों और उद्यमियों को विशेष रूप से ध्यान में रखते हुए कई अहम घोषणाएं की गई हैं। युवाओं के लिए रोज़गार के नए अवसरों की शुरुआत होगी। तकनीकी और मेडिकल सेक्टर में और अधिक सीटें युवाओं को मिलेंगी। देश में हवाई यात्राओं को बढ़ावा देने के लिए नये हवाई अड्डों का निर्माण किया जाएगा। श्री एस पी सिंह सिंह के अनुसार देश में रोजगार, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में बड़े सुधार की दिशा में यह बजट विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
देश के 85% आबादी के लिए खोखले वादों का पुलिंदा-अंशु ठाकुर
फाइनेंसर अंशु ठाकुर का कहना है कि 2025 के बजट ने यह साफ कर दिया कि सरकार की प्राथमिकता आम और गरीब जनता नहीं, बल्कि उद्योगपति हैं। महंगाई की मार झेल रहे मध्यम वर्ग, बेरोजगारी से जूझ रहे युवाओं और सही दाम के इंतजार में खड़े किसानों के लिए इस बजट में कोई ठोस समाधान नहीं दिखा। महंगाई पर कोई कड़ा फैसला नहीं – जरूरी सामान, पेट्रोल-डीजल और गैस की बढ़ती कीमतों से हर घर का बजट बिगड़ रहा है, लेकिन सरकार ने इसे रोकने के लिए कोई ठोस नीति नहीं बनाई। किसानों को सिर्फ दिलासे, MSP पर चुप्पी – सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने की बात करती है, लेकिन न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी पर कोई फैसला नहीं लिया, जबकि पंजाब और हरियाणा के किसान इसके लिए कई सालों से धरना दे रहे हैं । इससे किसान फिर से बिचौलियों और बाजार के रहमोकरम पर निर्भर रहेंगे। यह बजट सिर्फ कागजों में चमकदार दिखने वाले आंकड़ों की बाजीगरी है। टैक्स मे ये लोग जो राहत दे रहे हैं ये आज की महंगाई के सामने बौनी साबित होगी जनता को उम्मीद थी कि 2025 ke बजट मे महंगाई से बड़ी राहत मिलेगी लेकिन अफसोस ऐसा हुआ नहीं , क्यूंकि ऐसा बजट इन्होंने केवल और केवल दिल्ली और बिहार में अपना चुनाव मजबूत करने के लिए बनाया है और आम आदमी को फिर से सिर्फ दिलासे और वादे मिले है ।