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तलवार दंपति
गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
भारत की जनसंख्या दिन-ब-दिन सुरसा की तरह बढ़ती जा रही है, और इस गंभीर समस्या के समाधान करने के लिए मेरठ निवासी दिनेश तलवार और दिशा तलवार पिछले 30 वर्षों से संघर्षरत हैं। यह दंपति लगातार प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांग रहा है और प्रत्येक दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दो पोस्टकार्ड भेजते हैं, जिसमें वे देश में जनसंख्या नियंत्रण पर प्रभावी कानून लागू करने की मांग करते हैं।
सुरभि परिवार फाउंडेशन
1994 में इन्होंने “सुरभि परिवार फाउंडेशन” के बैनर तले इस अभियान की शुरुआत की थी। तब से अब तक इन्होंने 300 से अधिक शहरों में पदयात्राएं की हैं, जिनका उद्देश्य आम जनता को बढ़ती जनसंख्या के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना रहा है। उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण को जाति और धर्म से ऊपर उठकर राष्ट्रीय हित का विषय बताया है। गाजियाबाद में जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर उल्टी पदयात्रा का आयोजन इस बात का प्रमाण है कि वे अपने संकल्प में कितने अडिग हैं।
दो बच्चों का कानून
तलवार दंपति की मुख्य मांग है – “दो बच्चों का कानून”, जो कि वे मानते हैं कि देश के सीमित संसाधनों को संतुलित रखने और भविष्य की पीढ़ियों को बेहतर जीवन देने के लिए अत्यंत आवश्यक है। वे बताते हैं कि 1952 में भारत ने परिवार नियोजन कार्यक्रम की शुरुआत तो की थी, लेकिन इसके बाद से किसी ठोस कानून की दिशा में पर्याप्त राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं दिखाई गई। 1992 में इस मुद्दे पर विधेयक लाने की चर्चा हुई, लेकिन राजनीतिक खींचतान में बात वहीं अटक गई।
मूलभूत सुविधा प्रभावित
संसाधनों पर बढ़ते दबाव के कारण, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और जीवन स्तर जैसी मूलभूत सुविधाएं प्रभावित हो रही हैं। तलवार दंपति के अनुसार, यदि समय रहते कठोर कदम नहीं उठाए गए तो स्थिति विस्फोटक हो सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि भले ही TFR (Total Fertility Rate) में गिरावट आई है, फिर भी जनसंख्या का आकार बढ़ता जा रहा है और भारत चीन को पीछे छोड़कर सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन चुका है।
जन जागरण जागरूकता
तलवार दंपति का यह संघर्ष न केवल प्रेरणादायक है बल्कि यह हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हम एक राष्ट्रीय आपदा को आम समस्या मानकर अनदेखा तो नहीं कर रहे हैं। जनसंख्या नियंत्रण कोई राजनीतिक या धार्मिक मुद्दा नहीं है, यह पूरी तरह से राष्ट्रीय अस्तित्व से जुड़ा विषय है। अब समय आ गया है कि सरकार, समाज और प्रत्येक नागरिक मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाएं। यही भारत के उज्ज्वल भविष्य की कुंजी है।