Advertisment

Campaign : सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान, ट्रैफिक पुलिस की अनोखी पहल

सड़क सुरक्षा को लेकर जनपद में लगातार सक्रियता दिखा रही ट्रैफिक पुलिस ने शुक्रवार को एक विशेष जागरूकता अभियान चलाया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों को हेलमेट, सीटबेल्ट और अन्य महत्वपूर्ण ट्रैफिक नियमों के पालन के प्रति जागरूक करना रहा।

author-image
Syed Ali Mehndi
Untitled design_20250726_195206_0000

ट्रैफिक पुलिस का जागरूकता अभियान

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता

सड़क सुरक्षा को लेकर जनपद में लगातार सक्रियता दिखा रही ट्रैफिक पुलिस ने शुक्रवार को एक विशेष जागरूकता अभियान चलाया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों को हेलमेट, सीटबेल्ट और अन्य महत्वपूर्ण ट्रैफिक नियमों के पालन के प्रति जागरूक करना रहा। अभियान में सबसे विशेष बात यह रही कि नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों को सिर्फ चालान थमाकर छोड़ नहीं दिया गया, बल्कि उनसे स्वयं सड़क सुरक्षा की शपथ भी दिलाई गई। यह संयुक्त अभियान ट्रैफिक पुलिस एवं परिवहन विभाग के सहयोग से शहर के विभिन्न चौराहों, व्यस्त बाजार क्षेत्रों और प्रमुख सड़कों पर चलाया गया। सुबह से ही टीमों ने बिना हेलमेट दोपहिया चालकों और बिना सीटबेल्ट के चारपहिया वाहन चालकों को रोकना शुरू कर दिया। नियम तोड़ने वालों को पहले उनकी गलती समझाई गई, फिर उनसे सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने की शपथ ली गई।

जागरूकता के साथ कार्रवाई

सिर्फ समझाने तक ही सीमित न रहते हुए ट्रैफिक पुलिस ने इस दौरान चालान की कार्यवाही भी की। नियमों की अनदेखी पर सैकड़ों वाहन चालकों के चालान काटे गए। कुछ स्थानों पर तो चालान के बाद उन्हें सड़क किनारे खड़ा कर प्रतीक्षा भी करवाई गई ताकि यातायात नियमों की अहमियत उन्हें वास्तविकता में महसूस हो।

शपथ और संवेदनशीलता

इस अभियान की खासियत यह रही कि ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वालों को "मैं सदैव हेलमेट/सीटबेल्ट पहनूंगा, शराब पीकर वाहन नहीं चलाऊंगा, मोबाइल फोन का प्रयोग करते हुए ड्राइविंग नहीं करूंगा" जैसी शपथ दिलाई गई। इससे उन्हें आत्मचिंतन करने और आगे से सतर्क रहने का भाव उत्पन्न हो।ट्रैफिक निरीक्षक राजेश कुमार ने बताया, “लोगों को कानून का डर तो होता है, लेकिन उससे ज्यादा जरूरी है भीतर से नियमों के पालन की समझ विकसित करना। यही कारण है कि हमने शपथ दिलाने की पहल की है, जिससे वे अपनी गलती महसूस करें और भविष्य में सुधार करें।”

आमजन ने भी जताई सहमति

सड़क से गुजरते राहगीरों और व्यापारियों ने इस अभियान का स्वागत किया। कई लोगों ने कहा कि जागरूकता अभियानों को इस तरह व्यवहारिक बनाना सराहनीय है। केवल चालान से बदलाव नहीं आता, लेकिन जब किसी से सार्वजनिक रूप से शपथ ली जाती है, तो वह स्वयं को ज्यादा जिम्मेदार समझने लगता है।

Advertisment

भविष्य की योजना 

ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि ऐसे अभियान आगे भी चलाए जाएंगे और स्कूलों, कॉलेजों व कार्यालयों में भी ट्रैफिक अवेयरनेस ड्राइव आयोजित की जाएगी। पुलिस की मंशा है कि जनपद गाजियाबाद को एक आदर्श ट्रैफिक पालक शहर के रूप में स्थापित किया जाए।इस अभियान ने यह स्पष्ट कर दिया कि सड़क सुरक्षा केवल कानून की बात नहीं है, बल्कि यह हर नागरिक की जिम्मेदारी है। ट्रैफिक नियमों का पालन न केवल चालक की, बल्कि सड़क पर मौजूद हर व्यक्ति की जान की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस की यह पहल एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में बड़ा कदम है।

Advertisment
Advertisment