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Change: DM का फरमान, अफसरों की मेज़ पर नेम प्लेट जरूरी

डीएम दीपक मीणा ने सभी अफसरों को सख्त आदेश दिए हैं कि उनकी मेज पर उनके नाम और पद लिखी नेम प्लेट होना जरूरी है। इस फरमान से हड़कंप मचा है। जाहिर है कि नया सकारात्मक बदलाव है।

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Syed Ali Mehndi
जिलाधिकारी ने ली बैठक

समीक्षा बैठक

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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता।

विकास भवन के दुर्गावती देवी सभागार में जिलाधिकारी दीपक मीणा की अध्यक्षता में राजस्व कार्यों और ई-आफिस प्रणाली के सम्बंध में समीक्षा बैठक हुई। बैठक में डीएम ने सभी अफसरों को नई-नई सकारात्मक हिदायतें दीं।

ये बोले डीएम दीपक मीणा

बैठक दौरान जिलाधिकारी जिले की सभी एसडीएम, तहसीलदार कोर्ट में 5 वर्ष से अधिक, 3 से 5 वर्ष, 1 से 3 वर्ष, निर्विवाद विरासत, अंश निर्धारण, ई—परवाना आदि से सम्बंधित वादों को निस्तारित करने के लिए निर्देशित किया। इसके साथ ही तालाब, चारागाह, पट्टे आदि के पूर्ण विवरण सहित आख्या प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया। उन्होने जनपद में 30 वर्ष पुराने वृक्षारोपण के पट्टों की जांच करते हुए निरीक्षण करने के निर्देश दिये। साथ ही उसकी रिर्पोट प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया। जनपद में तालाबों की जांच करने के भी निर्देश दिये।

डीएम ने की समीक्षा बैठक

डीएम ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपनी मेज पर अपने नाम व पदनाम की प्लेट लगाएं। अपनी मेज पर ही अपने कार्य की सूची भी रखें। जिससे यह पता रहे कि आपके पटल पर क्या दायित्व हैं।

'फरवरी के बाद ई-ऑफिस प्रणाली से हों सारे काम'

समीक्षा बैठक

उन्होने कहा कि ई—ऑफिस कार्य पर विशेष ध्यान दिया जाएं। फरवरी अंत तक सभी कार्य ई-ऑफिस प्रणाली से ही किया जाएं। इस सम्बंध में अधिकारी/कर्मचारी को यदि प्रशिक्षण की आवश्यकता है तो उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएं। 

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'जन शिकायतों को लेकर गंभीर हों'

दीपक मीणा ने कहा कि जन शिकायत, आईजीआरएस, आफिस कार्यों के रजिस्टर बनाएं जाएं। इसके साथ ही मास्टर रजिस्टर भी तैयार किया जाए। कार्य को उत्कृष्ट तरीके से पूर्ण करने हेतु सभी अधिकारी अपने अधीनस्थ अधिकारी/कर्मचारियों के साथ निरंतर समन्वय बनाते हुए उनका दिशा—निर्दे​शन करें। अपनी अधीनस्थ कर्मचारियों की ​समस्याओं के निराकरण के लिए माह में एक बार मीटिंग की जाएं। जन शिकायतों के निरस्तारण के उपरांन्त फीडबैक ली जाएं एवं यदि फीडबैक असन्तुष्ट पूर्ण प्राप्त हो रहा हो तो उस शिकायत का पुन: गुणवत्तापूर्ण निस्तारण किया जाए। हम सभी एक परिवार हैं, अत: समन्वय बनाते हुए हर कार्य को बेहतर तरीके से पूर्ण किया जाएं।

ये साहेबान रहे मौजूद 

बैठक में एडीएम ई रणविजय सिंह, एडीएम एफआर सौरभ भट्ट, सिटी मजिस्ट्रेट डॉ.सन्तोष कुमार उपाध्याय सहित सभी एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं कलेक्ट्रेट स्टाफ उपस्थित रहे।

डीएम तजुर्बे का कर रहे इस्तेमाल

गौरतलब है कि जिलाधिकारी दीपक मीणा आईआईटी पास आउट हैं। वो निजी क्षेत्र में काम भी कर चुके हैं। लिहाजा, उनका मकसद है कि ज्यादा से ज्यादा आधुनिक तकनीकों को रूटीन वर्क में इस्तेमाल कर सकें। यही वजह है कि लगातार अधीनस्थ अधिकारियों को दिशा निर्देश दे रहे हैं कि किसी भी तरह से जनसुनवाई और फरियादियों की समस्याओं का निराकरण किया जाना सुनिश्चित करें। साथ ही कार्य में तेजी लाने के लिए आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करें।

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अफसरों की जवाबदेही तय कर रहे डीएम

जिलाधिकारी दीपक मीणा जिले का चार्ज लेने से पहले काफी वक्त जिले की कमिश्नरी रहे मेरठ में बिता चुके हैं। उनकी मंशा है कि मेरठ की तर्ज पर ही वो इस जिले में भी अफसरों और उनके साथ-साथ उनसे संबंधित विभागों के कर्मचारियों की जवाबदेही भी तय कर सकें, ताकि काम में शिथिलता बरतने वालों को चिंहित किया जा सके। इसी के चलते उन्होंने अधिकारियों को सख्त हिदायत की है कि जवाबदेही तय हो सके।

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