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जीडीए की 8 गांवों की जमीन पर बनने वाली हरनंदीपुरम टाउनशिप का वो नक्शा जिस पर शुरुआत से काम हुआ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लखनऊ में आवास एवं शहरी नियोजन विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में विभागीय कार्ययोजना का आंकलन करते हुए उन्होंने कहा कि शहरी नियोजन, आवासीय सुरक्षा, अधोसंरचना विकास एवं डिजिटल प्रबंधन जैसे सभी घटकों को एकीकृत दृष्टिकोण से लागू करना आवश्यक है। मुख्यमंत्री शहरी विस्तार योजना के अंतर्गत परियोजनाओं को चरणबद्ध रूप से जून-दिसंबर 2025 तक शुरू करने के उच्चाधिकारियों को निर्देश दिए।
क्या खत्म होगी हरनंदीपुरम टाउनशिप पर किसानों से रार?
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मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अरसे से किसानों और जीडीए के बीच मुआवजे और विकसित भूमि को लेकर चल रही रार को निबटाना जीडीए और जिला प्रशासन के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। गौरतलब है कि गाजियाबाद में दिल्ली-मेरठ रोड स्थित जीडीए की प्रस्तावित हरनंदीपुरम योजना के तहत आठ गांवों की 501 हेक्टेयर जमीन पर हाईटेक टाउनशिप बसाने की योजना पर काम चल रहा है। हालाकि पहले इस योजना का दायरा बड़ा था। मगर किसानों के विरोध के चलते जीडीए ने योजना के अलग-अलग चरणों में कुछ गांवों को हटा दिया। इसके बावजूद भी पहले चरण में बदलाव के बाद पांच गांवों की करीब साढ़े तीन सौ हेक्टेयर पर जमीन पर निर्माण का काम तो छोड़िए उसे एक्वायर करने का काम भी शुरू नहीं हो सका। जबकि बदलाव के बाद दूसरे चरण में तीन गांवों को लिया जाना तय हुआ है। इस योजना को धरातल पर उतारने के लिए करीब 2000 करोड़ की लागत आने का अनुमान लगाया गया है। शासन से 400 करोड़ रुपये रिलीज भी चुके हैं। लेकिन इसके बावजूद विवाद के चलते अभी रार बरकरार है।
बोर्ड बैठक के बाद निबटेगी रार !
13 मई को मेरठ में जीडीए की बोर्ड बैठक होनी है। इस बैठक में किसानों को मनाने के लिए सर्किल रेट में बढ़ोतरी और किसानों को विकसित भूखंड पर फैसला होना है। जीडीए को उम्मीद है कि इसके बाद योजना को लेकर चल रहा विवाद निबट जाएगा। जीडीए वीसी के मुताबिक पिछले दिनों जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित भूमि दर निर्धारण समिति की बैठक में सर्किल रेट का चार गुना तक दर निर्धारित करने की संस्तुति की गई है। दर निर्धारण की संस्तुति के बाद अनुमोदन के लिए प्रस्ताव आगामी बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। इसके साथ ही छह फीसदी से अधिक विकसित भूखंड देने का प्रस्ताव ले जाया जा रहा है। किसानों से वार्ता हो चुकी है। किसान छह फीसदी से ज्यादा का विकसित भूखंड चाह रहे हैं, इसे 13 मई को बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। बैठक से अनुमोदन मिलते ही योजना परवान चढ़ने लगेगी।
रार खत्म हुई, तो शुरू होगा बैनामे का काम
जीडीए वीसी ने बताया कि 13 मई को बोर्ड बैठक में दर निर्धारण का अनुमोदन और छह फीसदी से अधिक का विकसित भूखंड देने के प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद किसानों से बैनामा कराने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। पूरी उम्मीद है कि जून से जमीन खरीदने का काम शुरू हो जाएगा।
धूल फांक रहे हैं 400 करोड़
गौरतलब है कि हरनंदीपुरम टाउनशिप के लिए शासन की ओर से 400 करोड़ की पहली किस्त पिछले महीने जारी हो चुकी है। जिन गांवों की जमीन पर योजना बसाई जानी है उनमें नगला फिरोजपुर, मथुरापुर, शमशेर, चंपत नगर, भनेड़ा खुर्द, शाहपुर निज मोरटा, भोवापुर, मोरटा है। लेकिन मुआवजे पर और विकसित भूखंडों पर सहमति नहीं मिलने से अभी पहले चरण में पांच गांवों की जमीन पर भी काम शुरू नहीं हो सका है। जिसके चलते शासन से मिले 400 करोड़ का भी जीडीए इस्तेमाल नहीं कर पा रहा। उम्मीद की जा रही है कि बोर्ड बैठक के बाद किसानों से जमीन का बैनामा कराने का काम शुरू हो जाएगा।