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काल्पनिक चित्र
गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता
कफ सिरप की बड़े पैमाने पर हो रही तस्करी के मामले में जांच की कमान संभाल रहे क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर रमेश सिंह सिंधु खुद भ्रष्टाचार के जाल में फंस गए। शुक्रवार को पुलिस आयुक्त की विशेष टीम ने उन्हें चार लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इस कार्रवाई से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है, क्योंकि सिंधु वही अधिकारी थे जो कफ सिरप तस्करी की गुत्थी सुलझाने के लिए गठित विशेष जांच दल (SIT) का नेतृत्व कर रहे थे।
चार लाख की रिश्वत
जानकारी के अनुसार, इंस्पेक्टर सिंधु ने इस मामले में पकड़े गए एक आरोपी के जानकार से चार लाख रुपये की मांग की थी। जैसे ही आरोपी पक्ष के परिजनों ने निर्धारित धनराशि इंस्पेक्टर को सौंपी, पुलिस आयुक्त की टीम पहले से तैयार बैठी थी और मौके पर ही इंस्पेक्टर को दबोच लिया। बताया जा रहा है कि टीम को कुछ दिनों से इंस्पेक्टर की गतिविधियों पर शक था, जिसके बाद उनके खिलाफ जाल बिछाया गया।
4 नवंबर का मामला
गौरतलब है कि तीन नवंबर को क्राइम ब्रांच ने मेरठ रोड स्थित मछली गोदाम पर बड़ा छापा मारकर तस्करी के लिए तैयार चार ट्रकों में भरी भारी मात्रा में कफ सिरप बरामद किया था। इस कार्रवाई में आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। जांच में खुलासा हुआ था कि यह कफ सिरप बांग्लादेश भेजा जाना था, जिसमें मकनपुर निवासी सौरव त्यागी की मुख्य भूमिका सामने आई थी। उसके साथ गोदाम मालिक संतोष भड़ाना पर भी तस्करी में सहयोग का आरोप लगा था। संतोष भड़ाना की जमानत याचिका पर कोर्ट में जल्द ही सुनवाई होने वाली है।
भ्रष्टाचार पर सीधी कार्रवाई
इंस्पेक्टर सिंधु इस पूरे मामले की जांच के प्रमुख अधिकारी थे और उनकी गिरफ्तारी से अब इस केस की दिशा बदलना तय माना जा रहा है। पुलिस आयुक्त कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि विभाग में किसी भी तरह की भ्रष्ट गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे आरोपी कोई भी हो। फिलहाल इंस्पेक्टर को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है और जल्द ही उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू की जाएगी।कफ सिरप तस्करी जैसे गंभीर मामले की जांच के बीच इंस्पेक्टर का रिश्वत लेते पकड़ा जाना पुलिस की छवि पर सवाल खड़े करता है। हालांकि, पुलिस आयुक्त की टीम की तत्परता ने यह भी साबित किया है कि विभाग स्वयं के भीतर चल रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ भी सख्त रुख अपनाए हुए है।
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