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अब्दुल समद फाइल फोटो
गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
नगर निगम के पूर्व नगर आयुक्त अब्दुल समद पर विजिलेंस विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में एफआईआर दर्ज कराई है। आगरा के सदर थाने में दर्ज इस मुकदमे ने एक बार फिर नगर निगम के पुराने घोटालों को चर्चा में ला दिया है। अब्दुल समद के कार्यकाल के दौरान भाजपा के तत्कालीन पार्षद हिमांशु मित्तल ने डस्टबिन घोटाले सहित कई अन्य अनियमितताओं के आरोप लगाए थे। आरोप था कि उनके समय में सोलर लाइटें बाजार दर से कई गुना महंगे दामों पर खरीदी गईं। साथ ही, डस्टबिन की खरीद में भी गंभीर वित्तीय अनियमितताएं हुईं।
विजिलेंस जांच शुरू
शासन ने इन मामलों में खुली जांच कराने का आदेश दिया था, जिसके बाद विजिलेंस विभाग को जांच सौंपी गई। अब, जांच के आधार पर विजिलेंस ने एफआईआर दर्ज कराकर कार्रवाई की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है।सूत्रों के मुताबिक, विजिलेंस जांच में कई ऐसे सबूत मिले हैं जो आय से अधिक संपत्ति के मामले को पुष्ट करते हैं। जांच अधिकारी अब्दुल समद की संपत्ति, बैंक खातों और निवेशों का विस्तृत विवरण खंगाल रहे हैं।
चर्चा जोरों पर
इस कार्रवाई के बाद नगर निगम में कार्यरत और पूर्व में कार्य कर चुके अधिकारियों में खलबली मच गई है। राजनीतिक और सामाजिक हलकों में भी इस पर चर्चा तेज हो गई है। लोगों का कहना है कि यदि आरोप सही साबित होते हैं तो यह नगर निगम की साख पर बड़ा धब्बा है।भ्रष्टाचार के आरोपों पर वर्षों से चल रही चर्चाओं को अब कानूनी कार्रवाई का रूप मिलने से उम्मीद है कि भविष्य में ऐसे मामलों में प्रशासन और शासन सख्त रुख अपनाएगा। यह मामला आने वाले समय में गाजियाबाद की राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्था दोनों पर असर डाल सकता है।
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