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जीत की खुशी
गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
कहते हैं एक झूठे आरोप से इंसान की जिंदगी नरक हो जाती है और जब किसी इंसान पर रेप दुष्कर्म जैसा मुकदमा दर्ज हो जाए तो वह समाज में नजरें उठाकर नहीं चल पाता। समाज उसे घृणा की नजरों से देखता है। अपने ऊपर लगे आरोपों को झूठा साबित करने में सालों बीत जाते हैं कभी कभी तो पूरा जीवन लगा जाता है लेकिन जब न्यायालय से व्यक्ति को न्याय मिलता है तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहता।
मनोज धामा बा-इज़्ज़त बरी
ऐसा ही आज एक और मामला सामने आया है जब गाजियाबाद के एक दबंग नेता और उसके साथियों को दुष्कर्म के मामले में न्यायालय ने बरी कर दिया। जी हां हम बात कर रहे हैं लोनी के पूर्व चेयरमैन मनोज धामा की जिनको बुधवार को गाजियाबाद कोर्ट ने रेप के एक मामले में फैसला सुनाते हुए निर्दोष करार दिया है।बता दें कि लोनी नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष मनोज धामा, व शोभित मलिक,दीपक धामा, राहुल धामा,विकास पंवार एक महिला के द्वारा लगाये गये फर्जी रेप केस में बाइज़्ज़त बरी किए गए।
सच्चाई की जीत
इस अवसर पर मनोज धामा ने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नही मुझे व मेरे सभी भाइयों को भारतीय न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था न्यायपालिका ने दूध का दूध पानी का पानी करते हुए एक महिला के द्वारा लगाए गए रेप केस में हम सभी को बरी किया है तथा आज कई वर्षों से चल रहा है परेशानी का दौर भी खत्म हुआ ।
हमें मिला न्याय
हमे व हमारे परिवारों को न्याय मिला इस अवसर पर हम माननीय कोर्ट का धन्यवाद करते हैं तथा और समाज के एक बहुत बड़े वर्ग से गुज़ारिश करते हैं की राजनीतिक कठपुतली बनकर किसी के भी परिवार को उजाड़ने के नियत से कोई भी गलत कार्य नहीं करना चाहिए कभी भी किसी अच्छे और सच्चे व्यक्ति पर व उसके दामन पर कभी भी ग़लत आरोप नहीं लगाना चाहिए ईश्वर सबका न्याय करते हैं कोर्ट में जज की कुर्सी पर बैठें भगवान स्वरूप व्यक्ति सभी का न्याय करते हैं माननीय कोर्ट ने न्यायसंगत न्याय किया ।