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धर्म परिवर्तन का आरोपी जेल से रिहा
गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
धर्म परिवर्तन के आरोप में गिरफ्तार किए गए विनोद कुंजमोहन और प्रेम चंद्र को आखिरकार लंबी कानूनी लड़ाई के बाद राहत मिल गई है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों की जमानत मंजूर कर दी है। अधिवक्ता अलीम अल्वी ने जानकारी देते हुए बताया कि यह मामला 15 जून 2025 को दर्ज हुआ था, जब थाना क्रॉसिंग रिपब्लिक में हिन्दू रक्षादल के महानगर अध्यक्ष प्रबल गुप्ता ने विजय नगर क्षेत्र में धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था।
धर्म परिवर्तन का आरोप
आरोप था कि दोनों आरोपी लोगों को प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करा रहे थे। इस शिकायत के आधार पर थाना विजय नगर पुलिस ने पास्टर विनोद कुंजमोहन और उनके सहयोगी प्रेम चंद्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। दोनों के खिलाफ दर्ज मुकदमे की सुनवाई के दौरान जनपद न्यायालय, गाजियाबाद ने 14 जुलाई को उनकी जमानत याचिका निरस्त कर दी थी, जिसके बाद दोनों अभियुक्तों को जेल में रहना पड़ा।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दी जमानत
इसके बाद अधिवक्ता अलीम अल्वी ने अपने मुवक्किलों की ओर से उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में जमानत याचिका दायर की। उच्च न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद 10 सितंबर को विनोद कुंजमोहन और प्रेम चंद्र की जमानत मंजूर कर ली। अदालत ने यह भी कहा कि फिलहाल अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य प्रथम दृष्टया पर्याप्त नहीं हैं, इसलिए अभियुक्तों को जमानत पर रिहा किया जा सकता है।जमानत आदेश जारी होने के बाद विनोद कुंजमोहन को 19 सितंबर को जिला कारागार डासना से रिहा कर दिया गया, जबकि प्रेम चंद्र की रिहाई 9 अक्टूबर को हुई। दोनों की रिहाई के बाद उनके परिजनों और समुदाय के लोगों ने राहत की सांस ली।
हिंदू रक्षा दल
अधिवक्ता अलीम अल्वी का कहना है कि यह मामला झूठे आरोपों पर आधारित है और अदालत में पेश किए गए तथ्यों से यह स्पष्ट हुआ कि उनके मुवक्किल निर्दोष हैं। वहीं हिन्दू रक्षादल की ओर से कहा गया है कि वे अपने आरोपों पर कायम हैं और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हैं।धर्म परिवर्तन का यह मामला एक बार फिर समाज में धार्मिक स्वतंत्रता और सहिष्णुता पर बहस को तेज कर गया है। अब देखना यह होगा कि अदालत में आगे इस प्रकरण का क्या रुख बनता है, क्योंकि मुकदमे की सुनवाई अभी जारी है।