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Covid : अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट की मॉक ड्रिल, स्वास्थ्य विभाग है तैयार

स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ बनाने तथा आपातकालीन परिस्थितियों में तैयारियों का जायजा लेने के उद्देश्य से शनिवार को जिले के सभी सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर ऑक्सीजन प्लांट की क्षमता परखने के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस अहम कवायद

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Syed Ali Mehndi
मॉक ड्रिल

मॉक ड्रिल

गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता 

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स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ बनाने तथा आपातकालीन परिस्थितियों में तैयारियों का जायजा लेने के उद्देश्य से शनिवार को जिले के सभी सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर ऑक्सीजन प्लांट की क्षमता परखने के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस अहम कवायद में जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. अखिलेश मोहन सहित वरिष्ठ चिकित्सक, तकनीकी स्टाफ और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सक्रिय रूप से शामिल हुए।

ऑक्सीजन प्लांट
ऑक्सीजन प्लांट

 

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ऑक्सीजन सप्लाई की जांच

मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि किसी भी संभावित आपातकालीन स्थिति—जैसे कि कोविड-19 जैसी महामारी या किसी अन्य ऑक्सीजन की अधिक आवश्यकता वाली स्थिति—में जिले के अस्पताल कितने तैयार हैं। इस दौरान ऑक्सीजन प्लांट के दबाव (प्रेशर) की जांच की गई, ताकि यह परखा जा सके कि आवश्यकतानुसार सभी बेडों पर पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंच रही है या नहीं।

अन्य सुविधाएं भी जाँची 

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मॉक ड्रिल के दौरान अस्पतालों में ऑक्सीजन के अलावा अन्य संसाधनों की उपलब्धता और संचालन की स्थिति का भी निरीक्षण किया गया। इसमें अस्पतालों में मौजूद बेड की संख्या, डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की उपस्थिति, दवाओं की उपलब्धता, तथा वार्डों की स्वच्छता और संचालन व्यवस्था की बारीकी से समीक्षा की गई।

अधिकारी कहिन 

जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. आर.के. गुप्ता ने बताया कि इस अभ्यास के जरिए अस्पतालों की वर्तमान तैयारियों का आकलन किया गया। यह देखा गया कि अगर अचानक मरीजों की संख्या बढ़ जाती है, तो क्या अस्पतालों की व्यवस्थाएं इस दबाव को झेलने में सक्षम हैं या नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि जिन अस्पतालों में किसी प्रकार की कमियां पाई गईं, वहां जल्द ही आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।

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सजग और सतर्क 

स्वास्थ्य विभाग की यह पहल दर्शाती है कि प्रशासन पूर्व से ही आपातकालीन स्थितियों के लिए सतर्क और तैयार रहना चाहता है। बीते वर्षों में कोविड-19 महामारी के दौरान ऑक्सीजन की भारी किल्लत के अनुभव ने स्वास्थ्य तंत्र को अधिक सजग और व्यवस्थित होने की प्रेरणा दी है। इस प्रकार की मॉक ड्रिल से न केवल अस्पतालों की तैयारियों की जांच होती है, बल्कि स्टाफ को भी मानसिक रूप से प्रशिक्षित किया जाता है ताकि वे असली संकट के समय में अधिक प्रभावी ढंग से कार्य कर सकें।यह मॉक ड्रिल एक सकारात्मक प्रयास है जो जिले के नागरिकों को यह भरोसा देता है कि स्वास्थ्य विभाग उनके जीवन की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठा रहा है। उम्मीद की जाती है कि आने वाले समय में भी इस तरह की नियमित तैयारियां होती रहेंगी और स्वास्थ्य प्रणाली को और मजबूत बनाया जाएगा।

 

 

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