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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
दीपावली से पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा ग्रीन पटाखों के विक्रय और उपयोग को अनुमति देने के फैसले ने एनसीआर क्षेत्र के पटाखा व्यापारियों में उत्साह भर दिया है। लंबे समय से प्रतिबंध और अनिश्चितता के कारण परेशान चल रहे व्यापारियों को अब राहत मिली है। कोर्ट के इस निर्णय के बाद गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद और दिल्ली के आसपास के क्षेत्रों में फिर से त्योहारी रौनक लौटने की उम्मीद है।
ग्रीन पटाखे
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि केवल ग्रीन पटाखे ही बेचे और जलाए जा सकते हैं। इन पटाखों में पारंपरिक पटाखों की तुलना में कम प्रदूषण फैलाने वाले रसायनों का प्रयोग होता है, जिससे हवा में हानिकारक गैसों और कणों की मात्रा कम होती है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि बिक्री के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा लाइसेंस प्राप्त दुकानदारों को ही अनुमति दी जाएगी, ताकि अवैध और प्रदूषणकारी पटाखों का व्यापार न हो सके।
पटाखा संगठन
गाजियाबाद पटाखा एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि यह फैसला व्यापारियों के लिए दीपावली से पहले “तोहफा” साबित हुआ है। उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों से प्रतिबंधों के कारण हजारों परिवारों की आजीविका पर असर पड़ा था। अब ग्रीन पटाखों की बिक्री से रोजगार के अवसर फिर से बढ़ेंगे और बाजार में रौनक लौटेगी।हालांकि पर्यावरण विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ग्रीन पटाखे भी पूरी तरह प्रदूषणमुक्त नहीं होते, इसलिए जनता को संयम से और सीमित मात्रा में इनका उपयोग करना चाहिए। जिला प्रशासन ने भी साफ किया है कि निर्धारित समय सीमा — रात 8 से 10 बजे तक — ही पटाखे चलाने की अनुमति होगी।
कड़ी निगरानी
नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी भी निगरानी के लिए टीम गठित कर रहे हैं ताकि दीपावली के दौरान प्रदूषण स्तर को नियंत्रित रखा जा सके। साथ ही लोगों से अपील की गई है कि वे बच्चों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए केवल लाइसेंस प्राप्त दुकानों से ही पटाखे खरीदें।कुल मिलाकर, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने गाजियाबाद के पटाखा व्यापारियों और आम नागरिकों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है। अब उम्मीद है कि यह दीपावली न केवल रोशनी और खुशियों से भरी होगी बल्कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता का संदेश भी देगी।