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आरोपी गिरफ्तार
गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
विजय नगर क्षेत्र में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक डिलीवरी बॉय को चिकन डिलीवर करने के दौरान जान से मारने की धमकी दी गई। यह घटना रविवार देर शाम की है जब डिलीवरी एजेंसी में काम करने वाला मोनू राजपूत नामक युवक, तनीषा नाम की युवती के पते पर ऑर्डर देने गया था। चिकन लेकर पहुंचे मोनू को एक स्थानीय युवक मनोज ने रास्ते में रोक लिया और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए उसे धमकाया। इस पूरे मामले ने इलाके में तनाव का माहौल खड़ा कर दिया, लेकिन पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
खुलेआम धमकी
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मोनू राजपूत रोज़ की तरह डिलीवरी करने अपने निर्धारित पते पर निकला था। जब वह विजय नगर के सेक्टर-12 में पहुंचा, तभी वहां रहने वाला मनोज नामक युवक उसके सामने आ गया और पूछताछ करने लगा कि वह किसके लिए चिकन लेकर आया है। मोनू ने जब ‘तनीषा’ का नाम लिया, तो मनोज भड़क गया और आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करते हुए मोनू को जातिगत अपमान का निशाना बनाया। मोनू के अनुसार, मनोज ने उसे खुलेआम धमकाया कि यदि उसने भविष्य में फिर से इस मोहल्ले में किसी लड़की के लिए मीट या चिकन लाया, तो अंजाम बुरा होगा। डरे-सहमे मोनू ने किसी तरह वहां से निकलकर ऑर्डर डिलीवर किया और सीधे विजय नगर थाने पहुंचकर पूरी घटना की जानकारी पुलिस को दी।
कानून का उल्लंघन
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की और आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले। कुछ ही घंटों में आरोपी मनोज को उसकी दुकान से हिरासत में ले लिया गया। पूछताछ के बाद आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 504 (जानबूझकर अपमान), 506 (धमकी देना), 341 (रास्ता रोकना) और अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस अधिकारी के अनुसार, यह न केवल कानून का उल्लंघन है बल्कि सामाजिक सद्भाव को भी बिगाड़ने वाली घटना है। ऐसे मामलों में कोई ढील नहीं दी जाएगी। आरोपी को जेल भेजने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।
आंशिक तनाव
घटना के बाद इलाके में कुछ समय के लिए तनाव का माहौल था, लेकिन पुलिस की सक्रियता और त्वरित कार्रवाई से स्थिति सामान्य हो गई। तनीषा के परिवार ने भी मोनू का समर्थन करते हुए कहा कि समाज में इस तरह की मानसिकता के खिलाफ सख्त कदम उठाना बेहद जरूरी है। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि जातीय भेदभाव और सामाजिक कुरीतियाँ आज भी किस तरह से हमारे बीच मौजूद हैं। पुलिस की तत्परता और पीड़ित की साहसिक रिपोर्टिंग ने इस मामले को गंभीरता से सामने लाने में अहम भूमिका निभाई है। अब देखना होगा कि आरोपी को अदालत से क्या सजा मिलती है और क्या इससे समाज में कोई सकारात्मक संदेश जाता है।