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अधिवक्ताओं का विरोध प्रदर्शन
गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
अधिवक्ता विपिन कुमार पुत्र विजय कुमार, चैंबर नं० E-111 सिविल कोर्ट राजनगर गाजियाबाद ने एक गंभीर प्रकरण को लेकर पुलिस प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है। वही विजयनगर इंस्पेक्टर ने सारे आरोपों को निराधार एवं झूठा बताया है इंस्पेक्टर का कहना है कि किसी के साथ कोई मारपीट नहीं हुई है और कानूनी तौर पर कार्रवाई की गई है।
अधिवक्ता की पीड़ा
विपिन कुमार का कहना है कि दिनांक 24 अगस्त 2025 को प्रातः लगभग 9 बजे उन्हें परिचित सतीश का फोन आया। इसके बाद वे प्रताप विहार स्थित बुद्ध विहार पहुँचे। इसी दौरान अरविन्द के बड़े भाई अरुण का फोन आया, जिसमें बताया गया कि अरविन्द की पत्नी निशा ने घरेलू विवाद के चलते अरुण और उसकी पत्नी सीमा को विजय नगर थाने में बंद करा रखा है। यह सूचना मिलने पर प्रार्थी करीब 11:15 बजे थाना विजय नगर पहुँचे।
पुलिस पर आरोप
थाने पहुँचकर उन्होंने अरुण और सीमा से मुलाकात की और एसएसआई से अनुरोध किया कि उन्हें अनावश्यक रूप से बंद न रखा जाए। इस पर एसएसआई ने कहा कि यह प्रकरण थानाध्यक्ष स्वयं देख रहे हैं। इसके बाद अधिवक्ता विपिन कुमार थानाध्यक्ष के कक्ष में पहुँचे। वहाँ पर उनके अनुसार स्थिति सामान्य नहीं थी और उनके प्रवेश करते ही थानाध्यक्ष ने नाराज़गी जताई।विपिन कुमार का आरोप है कि उन्होंने बार-बार अरुण और सीमा को छोड़े जाने का अनुरोध किया, लेकिन उनकी बात नहीं मानी गई और वहाँ मौजूद कुछ पुलिसकर्मियों ने अनुचित व्यवहार किया। इससे आहत होकर विपिन कुमार ने थाने में ही धरने के रूप में बैठना उचित समझा।
थाने में मारपीट ?
उनका कहना है कि विरोध जताने पर कुछ पुलिसकर्मियों ने उन्हें थाने के मुंशी कक्ष में ले जाकर मारपीट की, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। इस दौरान उन्हें धमकियाँ भी दी गईं। आरोप है कि मारपीट के समय वहाँ सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए थे, जिनसे पूरी घटना की पुष्टि हो सकती है।विपिन कुमार के अनुसार घटना के समय कुछ अधिवक्ता एवं राहगीर भी मौके पर मौजूद हो गए, जिससे स्थिति और बिगड़ने से बच गई। इसके बावजूद उन्हें हवालात में बंद कर दिया गया और शांति भंग करने के आरोप में देर शाम कार्यपालक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया।
नगदी लूट का आरोप
उन्होंने बताया कि इस दौरान पुलिसकर्मियों ने उनकी स्कूटी, मोबाइल, पर्स तथा जेब में रखी नकदी 41,000 रुपये भी अपने पास रख लिए। बाद में जमानत मिलने पर उन्होंने डायल 112 पर कॉल कर इसकी सूचना दर्ज कराई, जिसका इवेंट नंबर P24082515618 है।इसके बाद विपिन कुमार का जिला एमएमजी राजकीय अस्पताल में मेडिकल परीक्षण भी कराया गया, जिसमें चोटों की पुष्टि हुई। अधिवक्ता का कहना है कि उनके साथ हुई घटना अत्यंत गंभीर है और यह कानून के विरुद्ध है।
सीसीटीवी फुटेज महत्वपूर्ण
उन्होंने मांग की है कि घटना के समय थाना विजय नगर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज सुरक्षित रखवाई जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके। साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध विभागीय एवं कानूनी कार्रवाई की जाए तथा उनका कीमती सामान और नकदी उन्हें वापस दिलाई जाए। विपिन कुमार का कहना है कि अधिवक्ता होने के बावजूद उनके साथ थाने में ऐसा व्यवहार किया गया, जो न केवल व्यक्ति की गरिमा को ठेस पहुँचाता है बल्कि कानून व्यवस्था की गंभीरता पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है। उन्होंने उच्चाधिकारियों से न्याय की अपील की है और दोषियों के विरुद्ध निष्पक्ष जाँच की माँग की है।