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फाइल फोटो
गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता
शहर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें खुद को भाजपा से जुड़ा बताकर एक व्यक्ति ने सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर एक युवक से पांच लाख रुपये की ठगी कर डाली। आरोपी की पहचान शमीम सैफी के रूप में हुई है, जो घंटाघर कोतवाली क्षेत्र का निवासी है। पीड़ित राशिद सैफी ने मामले की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई है, जिसके बाद पुलिस ने मुकदमा कायम कर जांच शुरू कर दी है।
बड़े नेताओं के साथ फोटो
राशिद सैफी का आरोप है कि शमीम ने खुद को भाजपा का बड़ा पदाधिकारी बताया और भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ खिंचवाई गई अपनी तस्वीरें दिखाकर भरोसा हासिल किया। उसने सरकारी विभाग में नौकरी लगवाने का झांसा दिया और बदले में राशिद से पांच लाख रुपये की भारी रकम ऐंठ ली। राशिद का कहना है कि शमीम ने न केवल पैसे लिए बल्कि उसे एक जाली नियुक्ति पत्र भी सौंपा, जिससे मामला और गंभीर हो गया।
दिया फर्जी नियुक्ति पत्र
इस धोखाधड़ी का पर्दाफाश तब हुआ जब राशिद ने दिए गए नियुक्ति पत्र की सत्यता की जांच करवाई। जांच में पता चला कि नियुक्ति पत्र पूरी तरह फर्जी है और किसी भी सरकारी विभाग से उसका कोई संबंध नहीं है। इसके बाद राशिद ने न्यायालय की श्रावणी जहां न्यायालय के आदेश पर शमीम सैफी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। पुलिस के अनुसार मामला धोखाधड़ी, जालसाजी और ठगी से संबंधित धाराओं में दर्ज किया गया है और आरोपी की तलाश शुरू कर दी गई है। पुलिस का कहना है कि आरोपी ने भाजपा नेताओं के साथ अपनी पुरानी फोटो सोशल मीडिया और व्यक्तिगत मुलाकातों के दौरान दिखाकर खुद को पार्टी से जुड़ा हुआ साबित करने की कोशिश की थी।
भाजपा से नहीं संबंध
इस बीच, भाजपा महानगर अध्यक्ष मयंक गोयल ने स्पष्ट किया है कि आरोपी शमीम सैफी का भाजपा से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा, “मैं इस व्यक्ति को नहीं जानता और न ही पार्टी से उसका कोई जुड़ाव है। भाजपा का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। यदि किसी ने पार्टी के नाम का दुरुपयोग किया है तो उस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।”यह मामला समाज में फैले उस वर्ग की ओर इशारा करता है जो राजनीतिक संपर्कों का झूठा दावा कर भोले-भाले लोगों को निशाना बनाते हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की नौकरी या योजना के नाम पर धन देने से पहले संबंधित दस्तावेजों और व्यक्ति की सत्यता की पूरी जांच अवश्य करें।
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