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घायल पूनम कौशिक
गाज़ियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
भाजपा महिला महानगर अध्यक्ष पूनम कौशिक पर हमला होने की खबर सामने आई है। जानकारी के अनुसार पूनम कौशिक बीते कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रही थीं और रविवार को अपने भांजे के साथ किसी काम से प्रहलाद गाड़ी सेक्टर-16, राहुल डेयरी के पास पहुंची थीं। वहां सड़क किनारे वाहन खड़ा कर उनका भांजा सामान लेने दुकान चला गया। इसी बीच स्कूटी पर सवार दो युवतियां मौके पर आईं और पूनम कौशिक की गाड़ी से टक्कर हो गई। बताया जा रहा है कि जब भाजपा नेत्री ने आपत्ति जताई तो दोनों युवतियां अचानक आक्रामक हो गईं और उन पर हमला बोल दिया।
जबरदस्त हमला
आरोप है कि हमलावर युवतियों ने न केवल पूनम कौशिक को गाड़ी से खींचकर नीचे गिराया बल्कि उन पर ताबड़तोड़ वार भी किए। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गईं। शोरगुल सुनकर आसपास मौजूद लोग मौके पर इकट्ठा हो गए और पूनम कौशिक का भांजा भी दौड़कर आया, तब जाकर किसी तरह हमले से उन्हें बचाया जा सका। इस घटना से इलाके में हड़कंप मच गया और भाजपा कार्यकर्ताओं में भी नाराज़गी फैल गई।
कार्यवाही पर सवाल
घटना की सूचना तुरंत पुलिस को दी गई। पुलिस ने पूनम कौशिक को अस्पताल पहुंचाकर उनका मेडिकल कराया। लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल पुलिस की भूमिका पर खड़ा हो रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस ने न तो इस मामले में कोई मुकदमा दर्ज किया और न ही आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की। उल्टा पुलिस ने दोनों पक्षों पर 151 की मामूली धारा के अंतर्गत कार्रवाई की बात कही। इससे भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों में आक्रोश है।
जांच जारी
इस मामले पर एसीपी इंदिरापुरम अभिषेक श्रीवास्तव का कहना है कि पूनम कौशिक का मेडिकल कराया जा चुका है और आगे की वैधानिक कार्रवाई जारी है। वहीं भाजपा महानगर अध्यक्ष ने कहा कि “कानून सबके लिए बराबर है। पूनम कौशिक जी को न्याय मिलेगा और पुलिस प्रशासन पर हमें पूरा विश्वास है। दोषी चाहे जो भी हो, उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
महिलाएं असुरक्षित
इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि जब प्रदेश की राजधानी से सटे बड़े शहर में भाजपा की महिला महानगर अध्यक्ष तक सुरक्षित नहीं हैं, तो आम महिलाओं की सुरक्षा का क्या हाल होगा? पुलिस पर लगे ढीले रवैये के आरोप इस बहस को और तेज़ कर रहे हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर आरोपियों पर तुरंत कठोर कार्रवाई नहीं हुई, तो वह विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
पार्टी खामोश
पूनम कौशिक पर हुए इस हमले से राजनीतिक हलकों में भी चर्चा गर्म है। विपक्षी दल जहां इसे महिला सुरक्षा के मुद्दे से जोड़ रहे हैं, वहीं भाजपा संगठन इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कानून व्यवस्था पर भरोसा जताता नज़र आ रहा है। अब देखना यह होगा कि पुलिस प्रशासन इस घटना पर कितनी त्वरित और ठोस कार्रवाई करता है और क्या हमलावरों को कठोर सज़ा दिलाई जाती है या मामला महज़ कागज़ी कार्रवाई तक सीमित रह जाता है।