गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि अब राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेताओं के घरों को भी निशाना बनाया जा रहा है। हाल ही में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पुराने नेता एवं पूर्व संयोजक सुशील कुमार जाटव के आवास पर हुए हमले को लेकर पार्टी ने गहरी नाराजगी जताई है। इस सिलसिले में बसपा का एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस कमिश्नर से मिला और पीड़ित परिवार को सुरक्षा दिलाने तथा हमलावरों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की।
अपराधियों का बोलबाला
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए बसपा के जिलाध्यक्ष एडवोकेट नरेंद्र मोहित ने पुलिस प्रशासन पर सख्त कार्रवाई का दबाव बनाया। उन्होंने कहा कि हमलावर अब सुशील जाटव पर मुकदमा वापस लेने के लिए दबाव बना रहे हैं। इससे साफ है कि यह हमला केवल आपसी रंजिश नहीं, बल्कि एक सुनियोजित साजिश है। उन्होंने पुलिस कमिश्नर से मांग की कि न केवल हमलावरों की तुरंत गिरफ्तारी की जाए, बल्कि सुशील जाटव और उनके परिवार को भी पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाए।एडवोकेट मोहित ने कहा कि अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है, जिससे वे खुलेआम कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ा रहे हैं। अगर प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो बसपा सड़कों पर उतरने को मजबूर होगी। उन्होंने यह भी कहा कि एक जिम्मेदार नागरिक और समाजसेवी के तौर पर सुशील जाटव का भयभीत रहना लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है।
मजबूती से उठाया मामला
इस अवसर पर बसपा के वरिष्ठ नेता रवि जाटव, एडवोकेट महेश वर्मा, जुगनू गौतम, सुशील गौतम, पवन कुमार, केशव चौधरी सहित कई अन्य कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में हमले की निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की।बसपा प्रतिनिधिमंडल की यह पहल न केवल सुशील जाटव को न्याय दिलाने का प्रयास है, बल्कि यह संदेश भी है कि पार्टी अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ खड़ी है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी तेजी से कदम उठाता है।