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स्क्रीनशॉट
गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
सोशल मीडिया के बढ़ते दुरुपयोग के चलते एक बार फिर साइबर अपराध का गंभीर मामला सामने आया है। गाजियाबाद निवासी एक पत्रकार ने इंस्टाग्राम पर फर्जी आईडी से जातिसूचक गालियाँ और जान से मारने की धमकी मिलने की शिकायत दर्ज कराई है। यह घटना न केवल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है, बल्कि यह साइबर स्पेस में फैलते अपराधों की गंभीरता को भी उजागर करती है।
पुलिस की लापरवाही
पीड़ित पत्रकार ने बताया कि उसे इंस्टाग्राम पर "@shyam_dewane_23" नामक फर्जी अकाउंट से गाली-गलौज और जातिसूचक अपशब्द भेजे गए, साथ ही जान से मारने की धमकी भी दी गई। ये टिप्पणियाँ न केवल अशोभनीय थीं, बल्कि भारतीय दंड संहिता और एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत गंभीर अपराध की श्रेणी में आती हैं। पत्रकार ने इसकी शिकायत गाजियाबाद साइबर क्राइम थाने में दर्ज कराई, जिसके बाद मामले की जाँच विजय नगर साइबर सेल को सौंपी गई। जाँच के दौरान यह सामने आया कि फर्जी अकाउंट का संचालन हापुड़ जिले के कपूरपुर थाना क्षेत्र के ग्राम इकलेहड़ी निवासी एक युवक द्वारा किया जा रहा था। युवक की पहचान होने के बावजूद, घटना को एक सप्ताह से अधिक समय बीत चुका है, परंतु अब तक कोई ठोस कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है। पीड़ित ने संबंधित थाने और अधिकारियों से कई बार संपर्क किया, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला।
जाति सूचक शब्द
इस घटना ने न केवल पत्रकार की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि कानून व्यवस्था की निष्क्रियता को भी उजागर किया है। पत्रकारों पर इस प्रकार के साइबर हमले प्रेस की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर चोट के समान हैं। पीड़ित और समाज के जागरूक वर्गों द्वारा मांग की जा रही है कि प्रशासन त्वरित और सख्त कार्रवाई करे ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।यह मामला दिखाता है कि सोशल मीडिया पर फर्जी पहचान के ज़रिए किए जा रहे अपराधों को गंभीरता से लेना और त्वरित न्याय सुनिश्चित करना आज के समय की महत्त्वपूर्ण आवश्यकता है।