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Crime : डॉक्टर ने लगाए पुलिस पर गंभीर आरोप, एनएचएम संघ ने संभाला मोर्चा

गाजियाबाद में कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सेवा के लिए लगाए गए एक मेडिकल कैम्प में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक के साथ पुलिस द्वारा की गई बदसलूकी और लूट का गंभीर मामला सामने आया है। यह घटना जनपद के राजनगर एक्स चौराहे पर 21 जुलाई की रात घटी,

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Syed Ali Mehndi
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डॉक्टर पुलिस का विवाद

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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता 

गाजियाबाद में कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सेवा के लिए लगाए गए एक मेडिकल कैम्प में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक के साथ पुलिस द्वारा की गई बदसलूकी और लूट का गंभीर मामला सामने आया है। यह घटना जनपद के राजनगर एक्स चौराहे पर 21 जुलाई की रात घटी, जब डॉ. अभिषेक राणा अपनी टीम के साथ रात्रिकालीन ड्यूटी पर तैनात थे।

बेहद दुखी है डॉक्टर राणा 

डॉ. राणा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत मुख्य चिकित्सा अधिकारी गाजियाबाद के अधीन कार्यरत हैं। मेडिकल कैंप में रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक की ड्यूटी के दौरान लगभग 10 बजे थाना सिहानी गेट से कुछ पुलिसकर्मी कैंप पर पहुंचे और स्प्रे की मांग करने लगे। सीमित संसाधनों के कारण जब उन्हें संयमित ढंग से स्प्रे देने की बात कही गई, तो वे आक्रोशित हो उठे।संयुक्त एनएचएम कर्मचारी संघ द्वारा जिलाधिकारी को भेजे गए पत्र के अनुसार, पुलिसकर्मियों ने डॉक्टर राणा की गाड़ी को क्षतिग्रस्त किया, उनसे गाली-गलौच की, उनकी गर्दन पकड़कर जबरन बाहर निकाला और सरकारी गाड़ी में बैठाकर थाने ले गए। आरोप है कि इस दौरान उनके गले से दो तोले की सोने की चेन भी जबरन छीन ली गई।

पुलिस पर बेहद गंभीर आरोप

थाने ले जाकर उनसे जबरन माफीनामा लिखवाया गया। उनके सहकर्मियों द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित करने के बाद उच्चस्तरीय हस्तक्षेप हुआ, तब जाकर उन्हें छोड़ा गया। इस घटना के बाद स्वास्थ्य कर्मियों में रोष व्याप्त है और उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता भी गहराई है।संघ के महामंत्री योगेश कुमार उपाध्याय ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मांग की है कि दोषी पुलिसकर्मियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही डॉक्टर राणा की लूटी गई चेन वापस दिलाने, मेडिकल सेवाओं में लगे कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, और घटना स्थल व थाने के CCTV फुटेज को संरक्षित कर जांच में शामिल करने की मांग की गई है।

कार्रवाई नहीं हुई तो गंभीर नतीजे

संघ ने चेतावनी दी है कि यदि समयबद्ध कार्रवाई नहीं हुई, तो यह प्रकरण सार्वजनिक रूप से मंच से उठाया जाएगा। पत्र में यह भी कहा गया है कि इस तरह की घटनाएं न केवल स्वास्थ्यकर्मियों की गरिमा और मनोबल को आहत करती हैं, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था पर जनविश्वास को भी कमजोर करती हैं।यह मामला स्वास्थ्य सेवा में लगे कर्मियों की सुरक्षा, सम्मान और स्वतंत्रता से जुड़ा है। प्रशासन को चाहिए कि वह इस घटना को गंभीरता से लेते हुए त्वरित एवं न्यायसंगत कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।

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