गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के मास्टर प्लान विभाग में गंभीर प्रशासनिक लापरवाही सामने आई है। मास्टर प्लान से जुड़े पुराने दस्तावेजों के गायब होने के मामले में रियल एंकर डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि राहुल शर्मा की शिकायत पर विभागीय लिपिक नवीन चंद, कृष्णकांत और वेद त्यागी के खिलाफ थाना सिहानी गेट में मुकदमा दर्ज किया गया है।राहुल शर्मा के अनुसार, वर्ष 2022 में कंपनी ने जीडीए से प्रहलादगढ़ी, कनावनी और इंदिरापुरम स्थित तीन कॉलोनियों के मानचित्र स्वीकृति हेतु आवेदन किया था। विभाग द्वारा कॉलोनाइजर से संबंधित पत्राचार किया गया था और मानचित्र स्वीकृति की प्रक्रिया भी हुई थी। लेकिन अब विभाग द्वारा इन दस्तावेजों की उपलब्धता से इनकार किया जा रहा है।
रिकॉर्ड ही हो गया चोरी
शिकायतकर्ता का आरोप है कि बार-बार प्राधिकरण के अधिकारियों से संपर्क करने के बावजूद मानचित्र स्वीकृति से संबंधित रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराया गया। इससे न केवल कॉलोनी विकास बाधित हुआ है बल्कि दस्तावेजों की हेराफेरी की आशंका भी गहराती जा रही है।इस संबंध में एसीपी नंदग्राम पूनम मिश्रा ने बताया कि शिकायत की गंभीरता को देखते हुए प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। आरोप है कि मास्टर प्लान विभाग के लिपिकों द्वारा जानबूझकर दस्तावेज गायब किए गए या नष्ट किए गए जिससे प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
जवाबदेही पर गंभीर सवाल
जानकारों का मानना है कि इस तरह के मामलों से जीडीए की पारदर्शिता और जवाबदेही पर गंभीर सवाल उठते हैं। कॉलोनाइजरों के लिए मास्टर प्लान स्वीकृति एक कानूनी अनिवार्यता है, और दस्तावेजों का गायब होना प्रशासनिक भ्रष्टाचार की ओर संकेत करता है।पुलिस मामले की जांच कर रही है और दोषी कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है। मामला शहरी विकास और भूमि प्रबंधन से जुड़ा होने के कारण शासन स्तर पर भी संज्ञान लिया जा सकता है।