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काल्पनिक चित्र
गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
जिले के मोदीनगर थाना क्षेत्र की एक कॉलोनी में रहने वाला एक परिवार इन दिनों गहरी मानसिक और सामाजिक पीड़ा से गुजर रहा है। कारण है एक मनचले युवक की लगातार की जा रही छेड़छाड़ और धमकियां। मामला इतना गंभीर हो चुका है कि छात्रा के परिजनों को अपने घर तक को बेचने की नौबत आ गई है, जिससे वे इस त्रासदी से छुटकारा पा सकें और किसी सुरक्षित स्थान पर नई जिंदगी शुरू कर सकें।
दसवीं की छात्र परेशान
घटना मोदीनगर नगर क्षेत्र की एक कॉलोनी की है, जहां एक 18 वर्षीय किशोरी, जो कक्षा दसवीं की छात्रा है, बीते कई महीनों से अपने पड़ोस में रहने वाले युवक सनी उर्फ सोनू की अशोभनीय हरकतों से परेशान है। छात्रा के परिजनों के अनुसार, सोनू छात्रा का ट्यूशन और स्कूल जाते समय रास्ता रोकता है, उसे अश्लील इशारे करता है और फोन पर अलग-अलग नंबरों से कॉल कर मानसिक उत्पीड़न करता है। इतना ही नहीं, वह लड़की पर शादी के लिए दबाव बना रहा है, और जब लड़की और उसके परिवार ने इसका विरोध किया, तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई।
पुलिस नहीं कर कार्यवाही
छात्रा के पिता का कहना है कि उन्होंने पहले भी कई बार पुलिस से शिकायत की थी, लेकिन तब रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। इसके बाद मनचले के हौसले और बढ़ गए। जब परिवार ने इसका विरोध किया तो आरोपी सोनू और उसके साथियों ने घर में घुसकर छात्रा के परिजनों की पिटाई कर दी, जिससे वे घायल हो गए। घटना के बाद इलाके में भय का माहौल है और छात्रा का परिवार खुद को असहाय महसूस कर रहा है।
मजबूरी में पलायन
परेशान होकर अब परिवार ने मकान बेचने का निर्णय लिया है, ताकि वे किसी और शहर या कॉलोनी में जाकर शांतिपूर्वक जीवन जी सकें। एक सामान्य मध्यमवर्गीय परिवार के लिए यह निर्णय बेहद कठिन है, लेकिन बेटी की सुरक्षा की चिंता उन्हें यह कठोर कदम उठाने पर मजबूर कर रही है।
मुकदमा दर्ज जांच जारी
मामले में अब पुलिस ने हरकत में आते हुए आरोपी सोनू और उसके साथियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत रिपोर्ट दर्ज की है। एसीपी मोदीनगर ज्ञान प्रकाश राय ने बताया कि तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर लिया गया है और मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
तत्काल प्रभावी कार्रवाई आवश्यक
यह घटना समाज के उस कटु सत्य को उजागर करती है, जहां आज भी लड़कियों की सुरक्षा एक बड़ी चिंता बनी हुई है। कानून होने के बावजूद जब तक पुलिस तत्काल और प्रभावी कार्रवाई नहीं करती, तब तक ऐसे असामाजिक तत्वों के हौसले बुलंद रहते हैं। यह जरूरी है कि पीड़ित परिवार को त्वरित न्याय मिले और ऐसे मामलों में संवेदनशीलता के साथ कठोर कदम उठाए जाएं, ताकि समाज में एक सकारात्मक संदेश जाए और बेटियां खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें।