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थाने का घेराव
गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
साहिबाबाद थाना क्षेत्र के अंतर्गत चौकी पाइप मार्केट के पास स्थित जनकपुरी इलाके में गुरुवार को बड़ा हंगामा खड़ा हो गया। यहां नगर निगम की टीम अपने नियमित कार्य पर तैनात थी, तभी अचानक एक व्यक्ति ने ऑन ड्यूटी मौजूद नगर निगम के दरोगा के साथ मारपीट कर दी। इस घटना में नगर निगम के एक कर्मचारी को गंभीर चोटें आईं, जबकि एक दरोगा के कपड़े भी फट गए। घटना की सूचना मिलते ही नगर निगम कर्मचारियों में आक्रोश फैल गया और बड़ी संख्या में अधिकारी व कर्मचारी साहिबाबाद थाने पहुंचकर घेराव करने लगे।
घटना कैसे हुई
जानकारी के अनुसार, नगर निगम की टीम जनकपुरी इलाके में सफाई व्यवस्था और अतिक्रमण से जुड़ी जांच कर रही थी। इस दौरान स्थानीय एक व्यक्ति ने पहले टीम से बहस की और फिर अचानक दरोगा पर हमला बोल दिया। हमलावर ने नगर निगम दरोगा को धक्का देकर गिरा दिया और मारपीट शुरू कर दी। बीच-बचाव करने पहुंचे निगम कर्मचारी को भी चोटें आईं। घटना के समय मौके पर मौजूद लोग हैरान रह गए और देखते ही देखते माहौल तनावपूर्ण हो गया।
कर्मचारियों में आक्रोश
नगर निगम कर्मचारियों का कहना है कि अक्सर फील्ड पर काम करने के दौरान उन्हें स्थानीय स्तर पर विरोध और धमकियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन इस बार बात हाथापाई और हमला करने तक पहुंच गई, जो बिल्कुल बर्दाश्त योग्य नहीं है। कर्मचारियों का आरोप है कि ऑन ड्यूटी तैनात अधिकारियों पर हमला सीधे-सीधे शासन-प्रशासन की गरिमा पर हमला है।
थाने का घेराव
घटना की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी एकजुट होकर साहिबाबाद थाने पहुंच गए। उन्होंने थाने के बाहर नारेबाजी की और आरोपित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। कर्मचारियों का कहना था कि जब तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होगी, वे शांति से नहीं बैठेंगे। इस दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया और पुलिस अधिकारियों को भीड़ को शांत कराने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। थाना प्रभारी का कहना है कि आरोपी की पहचान कर ली गई है और उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस का कहना है कि सरकारी कार्य में बाधा डालने और मारपीट करने का मामला दर्ज कर सख्त धाराओं में कार्रवाई होगी।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा है कि कर्मचारियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। अगर इस तरह की घटनाएं होती रहीं तो फील्ड में काम करना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने पुलिस से मांग की है कि आरोपी को जल्द से जल्द सलाखों के पीछे भेजा जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
असुरक्षित कर्मचारी
यह घटना एक बार फिर से इस बात की ओर इशारा करती है कि फील्ड में काम करने वाले प्रशासनिक और निगम कर्मचारी अक्सर असुरक्षित महसूस करते हैं। ऑन ड्यूटी अधिकारियों पर हमले न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हैं बल्कि शासन की साख पर भी चोट करते हैं। अब देखना यह होगा कि पुलिस और प्रशासन मिलकर इस मामले में कितनी जल्दी कार्रवाई करते हैं और कर्मचारियों का विश्वास कैसे बहाल करते हैं।