Advertisment

Crime : खतरे में जनता: अपराधियों के लिए बेहद सरल हथियार बना तेजाब

पिछले कुछ वर्षों में जनपद गाजियाबाद में एसिड अटैक की घटनाओं में चिंताजनक वृद्धि हुई है। 20 मार्च 2023 को साहिबाबाद मोहन नगर में हुआ हमला हो या 21 अगस्त 2024 को राजनगर एक्सटेंशन क्षेत्र में एक लड़की पर हुआ एसिड अटैक, ये घटनाएं साफ संकेत देती हैं

author-image
Syed Ali Mehndi
फाइल फोटो

फाइल फोटो

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता

पिछले कुछ वर्षों में जनपद गाजियाबाद में एसिड अटैक की घटनाओं में चिंताजनक वृद्धि हुई है। 20 मार्च 2023 को साहिबाबाद मोहन नगर में हुआ हमला हो या 21 अगस्त 2024 को राजनगर एक्सटेंशन क्षेत्र में एक लड़की पर हुआ एसिड अटैक, ये घटनाएं साफ संकेत देती हैं कि अपराधी कितने निडर हो चुके हैं। आंकड़ों के अनुसार, बीते 8 वर्षों में जिले में 6 बार एसिड अटैक की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इसके बावजूद संबंधित विभागों की सुस्ती और पुलिस की लापरवाही ने आम जनता की सुरक्षा को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है।

 हर जगह उपलब्ध है तेजाब 

शालीमार गार्डन, घंटाघर कोतवाली, संजय नगर, सेक्टर 23, गांधीनगर, चिरंजीव विहार, गोविंदपुरम, राजनगर एक्सटेंशन, क्रॉसिंग रिपब्लिक और पूरे लोनी क्षेत्र में तेजाब की खुलेआम बिक्री एक गंभीर खतरे का संकेत देती है। बिना किसी सरकारी निगरानी या पंजीकरण के, दुकानों से लेकर साइकिल और रिक्शा पर घूमते विक्रेता आसानी से टॉयलेट क्लीनर के नाम पर तेजाब बेच रहे हैं। यह स्थिति दर्शाती है कि तेजाब जैसी घातक रसायन तक अपराधियों की पहुंच कितनी आसान हो गई है।

Advertisment

 बेहद गंभीर मामला

एसिड अटैक न केवल शरीर को झुलसाता है, बल्कि पीड़ित की आत्मा तक को घायल कर देता है। यह अपराध समाज में भय का वातावरण फैलाता है, विशेष रूप से महिलाओं के लिए। कानून के अनुसार तेजाब की बिक्री को नियंत्रित करने के लिए सख्त प्रावधान हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत बिल्कुल विपरीत है। तेजाब बेचने वालों के लिए न तो कोई पंजीकरण प्रणाली प्रभावी है, न ही पुलिस की ओर से नियमित निगरानी की जाती है।

 रोकथाम जरूरी

Advertisment

सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि ऐसे मामलों में पुलिस की प्रतिक्रिया अक्सर घटना के बाद शुरू होती है, जबकि रोकथाम के उपाय न के बराबर हैं। अगर तेजाब की बिक्री पर उचित नियंत्रण होता, तो कई घटनाओं को टाला जा सकता था। कई क्षेत्रों में तो स्थानीय प्रशासन को बार-बार शिकायत मिलने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे अपराधियों के हौसले और बुलंद हुए हैं।

 नियमों का पालन 

आज जरूरत है कि तेजाब की बिक्री पर सख्त निगरानी रखी जाए, हर विक्रेता का पंजीकरण हो, बिक्री का रिकॉर्ड रखा जाए और केवल लाइसेंस प्राप्त दुकानों को ही इसकी अनुमति दी जाए। इसके अलावा पुलिस को नियमित निरीक्षण और जन जागरूकता अभियान चलाने चाहिए ताकि लोग सजग रहें और ऐसे रसायनों का दुरुपयोग रोका जा सके।

Advertisment

 जागरूकता आवश्यक

जब तक पुलिस और प्रशासन जागरूक नहीं होंगे और अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन नहीं करेंगे, तब तक तेजाब अपराधियों के लिए एक सरल और घातक हथियार बना रहेगा। यह न केवल कानून व्यवस्था की असफलता है, बल्कि समाज की सामूहिक सुरक्षा पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न भी। समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो यह संकट और भी विकराल रूप ले सकता है।

Advertisment
Advertisment