टीएचए(गाजियाबाद), वाईबीएन संवाददाता।
ट्रांस हिंडन में गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट का भी हाल गजब है। आलम ये कि बैंक अधिकारी के साथ हुई वारदात की रिपोर्ट भी पुलिस आसानी से दर्ज नहीं करती। हैरानी की बात है कि एसबीआई के मुख्य प्रबंधक को अपने मोबाइल चोरी होने की घटना की एफआईआर दर्ज करने में कौशांबी थाना पुलिस को चार दिन लग गए। वो भी उच्चाधिकारियों के निर्देश पर दर्ज हुई।
ये हुई थी वारदात
इंदिरापुरम के निवासी स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के चीफ मैनेजर कैलाश सिंह मेहरा के साथ चार मार्च को मोटोरोला मोबाइल चोरी की घटना हुई थी। चीफ मैनेजर रात करीब 9.30 बजे ऑफिस से वापस घर जा रहे थे। एंजल मॉल के पास ऑटो में बैठने के दौरान एक बदमाश मोबाइल लेकर भाग गया। शोर मचाने और पीछा करने के बाद भी बदमाश फरार हो गया। बैंक मैनेजर ने लोगों की मदद से चोरों को पकड़ने की कोशिश भी की। मगर, बदमाश बाइक से फरार हो गए।
हाईटेक पुलिस बोली-हिंदी में तहरीर दो
देश की राजधानी दिल्ली से सटी गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट को अंग्रेजी में तहरीर देना नागवार है। जब कौशांबी थाने में पीड़ित चीफ मैनेजर ने तहरीर दी तो पुलिस ने ये कहकर टहला दिया कि पहले हिंदी में तहरीर लेकर आओ। दरअसल, चीफ मैनेजर ने अंग्रेजी में तहरीर दी थी।
उच्चाधिकारियों के निर्देश पर हुई दर्ज
पुलिस में अब दर्ज की गई FIR में बैंक अधिकारी ने कहा कि जब वह घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने police station गए तो पुलिस ने हिंदी में तहरीर लिखकर देने को कहा। इस बात की शिकायत बैंक मैनेजर ने पुलिस कमिश्नर से की थी। तब जाकर मामला दर्ज किया गया। दर्ज हुई एफआईआर में पुलिस की इस करतूत का भी जिक्र है। चोरी हुए मोबाइल की कीमत 50 हजार बताई गई है।