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मुरादनगर हत्याकांड
गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
जिले के मुरादनगर में थाने के ठीक सामने एक युवक की गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी गई। यह वारदात न केवल स्थानीय लोगों में दहशत का कारण बनी बल्कि पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर गई। हत्या की यह घटना थाने के बाहर हुई, जो कि पुलिस की लापरवाही और निगरानी में भारी चूक का स्पष्ट प्रमाण मानी जा रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड ने तुरंत कड़ा एक्शन लेते हुए तीन पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।
सीपी ने बेहद गंभीर माना मामला
पुलिस कमिश्नर ने प्रथम दृष्टया इस मामले को बेहद गंभीर मानते हुए थानाध्यक्ष मुरादनगर शैलेंद्र सिंह तोमर, रात्रि अधिकारी सूबे सिंह तथा बीट उप निरीक्षक मोहित को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। पुलिस अधिकारियों की यह कार्रवाई दर्शाती है कि उच्च पुलिस प्रशासन इस प्रकार की चूक को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि मुरादनगर थाने के बाहर सुरक्षा की दृष्टि से पर्याप्त बंदोबस्त नहीं था। जिस स्थान पर हत्या हुई, वह क्षेत्र लगातार आपराधिक गतिविधियों के लिए संवेदनशील माना जाता रहा है। बावजूद इसके पुलिस की सक्रियता वहां नगण्य दिखाई दी, जिससे अपराधियों को खुलकर वारदात को अंजाम देने का अवसर मिल गया।
परिजनों में आक्रोश
हत्या के बाद मृतक के परिजनों ने थाने के सामने विरोध प्रदर्शन किया और शव को रखकर जाम भी लगाया। लोगों का गुस्सा प्रशासन के प्रति साफ दिखाई दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि यदि पुलिस ने सतर्कता बरती होती तो यह हत्या रोकी जा सकती थी।पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड द्वारा की गई यह कार्रवाई एक संदेश है कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही उन्होंने यह भी संकेत दिया है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। इस बीच, पुलिस की अन्य टीमें हत्या में शामिल आरोपियों की तलाश में लगातार दबिश दे रही हैं।यह घटना न केवल गाजियाबाद की कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि जब तक पुलिस तंत्र सतर्क और जवाबदेह नहीं होगा, तब तक अपराधियों के हौसले यूं ही बुलंद रहेंगे।