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Crime : 750 से अधिक नए अपराधियों का नहीं है कोई रिकॉर्ड, पुलिस के लिए चुनौती बनी पहचान

शहर में अपराध की दुनिया में नए चेहरों की एंट्री से पुलिस प्रशासन परेशान है। प्राप्त जानकारी के अनुसार गाजियाबाद में 750 से अधिक ऐसे अपराधी सामने आए हैं जिनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड पुलिस के पास उपलब्ध नहीं है।

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Syed Ali Mehndi
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फाइल फोटो

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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता

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शहर में अपराध की दुनिया में नए चेहरों की एंट्री से पुलिस प्रशासन परेशान है। प्राप्त जानकारी के अनुसार गाजियाबाद में 750 से अधिक ऐसे अपराधी सामने आए हैं जिनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड पुलिस के पास उपलब्ध नहीं है।

युवा अपराधी 

इन नए अपराधियों में अधिकतर युवा हैं, जो पहली बार अपराध कर रहे हैं। इनका न कोई फिंगरप्रिंट रिकॉर्ड है, न ही पहले कोई आपराधिक मामला दर्ज है और न ही इनका किसी पुराने बदमाश से कोई संबंध होता है। यही कारण है कि पुलिस की ट्रैकिंग और पहचान प्रणाली के लिए ये अपराधी बड़ी चुनौती बनते जा रहे हैं।पुलिस सूत्रों का कहना है कि अपराध के प्रति युवाओं में बढ़ती दिलचस्पी चिंता का विषय है। फिल्मों, सोशल मीडिया और कथित ग्लैमर से प्रभावित होकर युवा तेज़ जीवन, पैसा और रुतबे की चाह में अपराध की राह पर चल पड़ते हैं।

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साइबर क्राइम

इनमें से कई युवा चोरी, लूट, ठगी या ऑनलाइन फ्रॉड जैसे अपराधों में लिप्त हो जाते हैं। कुछ मामलों में ऐसे अपराधियों ने पुलिस पर हमला भी किया है। हालांकि पुलिस ने कुछ को गिरफ्तार किया है, परंतु बहुत से आरोपी अभी भी फरार हैं।वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अब पुलिस को अपराधियों की पहचान के पारंपरिक तरीकों से आगे बढ़कर नई तकनीकों का सहारा लेना होगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, फेशियल रिकग्निशन और डिजिटल ट्रैकिंग जैसी तकनीकें भविष्य में अपराध नियंत्रण में अहम भूमिका निभा सकती हैं।

मजबूत होगा मुखबिर तंत्र 

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पुलिस विभाग ने सभी थानों को निर्देश दिया है कि वे संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखें और स्थानीय स्तर पर मुखबिर तंत्र को मजबूत करें। साथ ही, जन-जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को अपराध से दूर रखने की भी योजना बनाई जा रही है।

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