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फाइल फोटो
गाज़ियाबाद,वाईबीएन संवाददाता
विजयनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत 22 अगस्त की दोपहर एक दर्दनाक हादसे ने पूरे पुलिस महकमे को गहरे शोक में डुबो दिया। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर आईपीएम कॉलेज के पास ड्यूटी कर रहे ट्रैफिक पुलिसकर्मी विपिन कुमार को तेज रफ्तार एर्टिगा कार ने टक्कर मार दी। गंभीर रूप से घायल विपिन कुमार को तत्काल नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। इस घटना ने न केवल गाजियाबाद पुलिस विभाग को झकझोर दिया है, बल्कि क्षेत्र के लोगों को भी गहरी पीड़ा में डाल दिया है।
ड्यूटी पर शहीद हुए सिपाही
35 वर्षीय सिपाही विपिन कुमार लंबे समय से ट्रैफिक पुलिस विभाग में अपनी सेवाएँ दे रहे थे। हादसे वाले दिन वे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक को सुचारु बनाए रखने के लिए तैनात थे। चश्मदीदों के अनुसार, एक तेज रफ्तार एर्टिगा कार अचानक बेकाबू हो गई और ड्यूटी पर तैनात विपिन कुमार को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि विपिन कुमार गंभीर रूप से घायल होकर सड़क पर गिर पड़े।
इलाज के दौरान तोड़ा दम
सहकर्मी पुलिसकर्मियों और राहगीरों ने तत्काल विपिन कुमार को अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों ने पूरी कोशिश की, लेकिन उनकी चोटें इतनी गंभीर थीं कि कुछ ही देर बाद उन्होंने दम तोड़ दिया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में शोक की लहर दौड़ गई। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और परिजनों को सांत्वना दी।
परिवार में मातम
विपिन कुमार की मौत की खबर मिलते ही उनके घर में कोहराम मच गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। बताया जा रहा है कि विपिन कुमार अपने पीछे माता-पिता, पत्नी और दो छोटे बच्चों को छोड़ गए हैं। परिजनों ने सरकार से मांग की है कि उन्हें न्याय दिलाया जाए और परिवार की आर्थिक सहायता की जाए।
पुलिस विभाग में शोक
सिपाही विपिन कुमार की मौत से गाजियाबाद पुलिस विभाग गहरे सदमे में है। उनके साथियों का कहना है कि विपिन बेहद ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ पुलिसकर्मी थे। ड्यूटी के प्रति उनकी निष्ठा और समयबद्धता हमेशा मिसाल रही। पुलिस अधिकारियों ने उनकी शहादत को नमन करते हुए कहा कि विपिन कुमार का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और परिवार को हर संभव सहायता दी जाएगी।
सड़क सुरक्षा पर सवाल
इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर से सड़क सुरक्षा और तेज रफ्तार गाड़ियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर आए दिन तेज गति से चलने वाली गाड़ियों के कारण कई दुर्घटनाएँ हो चुकी हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिसकर्मी ट्रैफिक नियंत्रण में अपनी जान जोखिम में डालते हैं, लेकिन तेज रफ्तार वाहन उनकी ड्यूटी को और भी खतरनाक बना देते हैं।
सिपाही शहीद
सिपाही विपिन कुमार की मौत केवल उनके परिवार का नहीं, बल्कि पूरे समाज का नुकसान है। ड्यूटी निभाते हुए अपनी जान गंवाना उनके बलिदान को शहादत का दर्जा देता है। अब ज़रूरत है कि सरकार व प्रशासन सड़क सुरक्षा के सख्त नियम लागू करे और पुलिसकर्मियों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए। साथ ही, विपिन कुमार के परिवार को उचित आर्थिक सहायता और सम्मान मिले, ताकि उनकी शहादत को हमेशा याद रखा जा सके।