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Crime : पोस्टमार्टम हाउस क्यों पहुंचे विधायक अजीत पाल त्यागी एवं पंडित अमरपाल शर्मा

मुरादनगर थाना क्षेत्र में हुई सनसनीखेज हत्या की वारदात ने अब राजनीतिक रंग लेना शुरू कर दिया है। थाने के ठीक सामने 35 वर्षीय युवक रवि शर्मा की ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई। इस घटना ने न सिर्फ आम नागरिकों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं,

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Syed Ali Mehndi
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पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे विधायक

गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता

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मुरादनगर थाना क्षेत्र में हुई सनसनीखेज हत्या की वारदात ने अब राजनीतिक रंग लेना शुरू कर दिया है। थाने के ठीक सामने 35 वर्षीय युवक रवि शर्मा की ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई। इस घटना ने न सिर्फ आम नागरिकों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि प्रशासन की कार्यशैली को भी कठघरे में ला खड़ा किया है। इस दुस्साहसिक कांड के बाद जहां स्थानीय लोग आक्रोशित हैं, वहीं राजनीतिक हलकों में भी हलचल मच गई है।

मौजूदा और पूर्व विधायक पहुंचे

घटना के बाद जब मृतक का शव हिंडन मोर्चरी पहुंचा, तो वहां मुरादनगर के मौजूदा विधायक अजीत पाल त्यागी और पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा पहुंचे। इन दोनों नेताओं की उपस्थिति ने इस मामले को राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण बना दिया है। यह सवाल उठने लगा है कि कहीं न कहीं इस हत्याकांड के पीछे राजनीतिक सरंक्षण या प्रतिद्वंद्विता तो नहीं छिपी है। हाल ही में जेल से छूटकर आए अजय उर्फ मोंटी और उसके साथियों द्वारा खुलेआम थाने के सामने गोली चलाना दर्शाता है कि अपराधियों को पुलिस और कानून का कोई भय नहीं रह गया है। मृतक रवि शर्मा की हत्या के बाद गांव मिल्क रावली और आसपास के क्षेत्रों में आक्रोश का माहौल है। सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने रवि शर्मा का शव थाने के बाहर रखकर घंटों जाम लगाया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

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 लोगों में आक्रोश 

लोगों की मांग थी कि आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया जाए।यह घटना गाजियाबाद में कानून व्यवस्था की वास्तविक स्थिति को उजागर करती है। जब थाने के सामने ही अपराधी बेखौफ होकर हत्या कर सकते हैं, तो आम लोगों की सुरक्षा की कल्पना करना भी कठिन हो जाता है। यह किसी एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे समाज की सुरक्षा पर सीधा प्रहार है। जरूरत इस बात की है कि पुलिस प्रशासन मामले की गहराई से जांच कर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाए और जनता का खोया हुआ भरोसा फिर से कायम करे। साथ ही, राजनीतिक हस्तक्षेप को हटाकर निष्पक्ष और पारदर्शी कार्रवाई की जाए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि भविष्य में कोई अपराधी कानून को चुनौती न दे सके।

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