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साइबर अपराधी गिरफ्तार
गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की नोएडा यूनिट ने गाजियाबाद में ऑनलाइन ठगी के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में बिहार के रहने वाले छह शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से 25.60 लाख रुपये नकद, नोट गिनने की मशीन और 100 से ज्यादा म्यूल अकाउंट्स के दस्तावेज बरामद हुए हैं।
कैसे हुआ खुलासा?
STF को गुप्त सूचना मिली थी कि गाजियाबाद की गौर सिद्धार्थम सोसाइटी में एक गैंग ऑनलाइन ठगी को अंजाम दे रहा है। सूचना पर विश्वास करते हुए टीम ने छापेमारी की और मौके से सभी छह आरोपियों को दबोच लिया। छापेमारी में मिली रकम और दस्तावेजों ने ठगी के इस नेटवर्क की गहराई उजागर कर दी।
फर्जी अकाउंट्स से खेल
जांच में सामने आया कि यह गैंग फर्जी बैंक अकाउंट्स का इस्तेमाल करके लोगों से ठगे गए पैसों को इधर-उधर ट्रांसफर करता था। खास बात यह है कि इन फर्जी अकाउंट्स को उपलब्ध कराने में बैंक अधिकारियों की भी संलिप्तता सामने आई है। HDFC बैंक और बंधन बैंक के दो मैनेजर कमीशन लेकर इस गैंग को अकाउंट उपलब्ध कराते थे। फिलहाल दोनों बैंक मैनेजर फरार हैं और STF उनकी तलाश में जुटी है।
संगठित तरीके से ठगी
यह गैंग बेहद संगठित तरीके से काम करता था। देशभर से लोगों को फोन, सोशल मीडिया या अन्य डिजिटल माध्यमों से झांसा देकर पैसे वसूले जाते थे। फिर पैसे को अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किया जाता था ताकि पुलिस की पकड़ में न आएं।
STF की कार्रवाई
गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ गाजियाबाद के विजयनगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। STF का कहना है कि इस गैंग के तार न केवल बिहार बल्कि अन्य राज्यों से भी जुड़े हो सकते हैं। फिलहाल आरोपियों से पूछताछ की जा रही है ताकि नेटवर्क का विस्तार पता लगाया जा सके।
बैंक कर्मचारियों की भूमिका
इस पूरे प्रकरण ने साइबर अपराधियों और बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत को उजागर कर दिया है। अगर बैंक कर्मचारी ही अपराधियों को सहारा देंगे तो आम जनता की सुरक्षा पर सवाल खड़े होना लाजमी है। STF ने भरोसा दिलाया है कि इस मामले की गहन जांच होगी और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।गाजियाबाद में हुई यह कार्रवाई साइबर ठगी के बढ़ते नेटवर्क पर बड़ा प्रहार मानी जा रही है।