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Cyber crime : पुलिस बनेगी हाईटेक, साइबर अपराधियों को देगी मुंह तोड़ जवाब

गाजियाबाद में बढ़ते साइबर अपराधों से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन लगातार नए कदम उठा रहा है। इसी क्रम में थाना अधिकारियों और कर्मचारियों को साइबर अपराध से संबंधित अद्यतन ज्ञान और तकनीकी दक्षता प्रदान करने के उद्देश्य से एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया

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Syed Ali Mehndi
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साइबर क्राइम बैठक

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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता

गाजियाबाद में बढ़ते साइबर अपराधों से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन लगातार नए कदम उठा रहा है। इसी क्रम में थाना अधिकारियों और कर्मचारियों को साइबर अपराध से संबंधित अद्यतन ज्ञान और तकनीकी दक्षता प्रदान करने के उद्देश्य से एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य न केवल साइबर अपराध की जांच को तेज और प्रभावी बनाना था, बल्कि अधिकारियों को नए-नए साइबर ट्रेंड, अपराधियों की तकनीक और उनसे बचाव के उपायों से भी अवगत कराना था।

बढ़ती चुनौती

वर्तमान समय में इंटरनेट और डिजिटल तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल के साथ-साथ साइबर अपराध भी तेजी से बढ़ रहा है। बैंकिंग धोखाधड़ी, फिशिंग, सोशल मीडिया हैकिंग, ऑनलाइन ठगी और डेटा चोरी जैसे मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। अपराधी अब केवल तकनीकी रूप से सक्षम नहीं, बल्कि बेहद चालाक और संगठित भी हो चुके हैं। ऐसे में पुलिस बल के लिए इन अपराधों को रोकना और जांच में सफलता पाना एक बड़ी चुनौती है।

कार्यशाला आयोजित 

कार्यशाला में साइबर अपराध के विभिन्न पहलुओं  

डिजिटल फॉरेंसिक

ईमेल एवं सोशल मीडिया ट्रेसिंग तकनीक

मोबाइल डेटा रिकवरी

साइबर कानून और आईटी एक्ट

बैंकिंग और फाइनेंशियल फ्रॉड

विशेषज्ञों ने बताया कि साइबर अपराधियों का सबसे बड़ा हथियार लोगों की लापरवाही और तकनीकी अनभिज्ञता है। उन्होंने पुलिसकर्मियों को समझाया कि कैसे एक छोटे से डिजिटल सुराग को सही तरीके से इकट्ठा कर, जांच में बड़े अपराधी नेटवर्क तक पहुंचा जा सकता है।

तकनीकी उपकरण

कार्यशाला में पुलिस अधिकारियों को डिजिटल साक्ष्यों को सुरक्षित रखने, एनालिसिस टूल्स के इस्तेमाल और डार्क वेब पर अपराध की जांच के तरीकों की भी ट्रेनिंग दी गई। उन्हें बताया गया कि डिजिटल साक्ष्य इकट्ठा करते समय कानूनी प्रक्रिया का पालन करना कितना जरूरी है, ताकि अदालत में उनका उपयोग हो सके।

जनजागरूकता आवश्यकता

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विशेषज्ञों ने इस बात पर भी जोर दिया कि केवल पुलिस ही नहीं, बल्कि आम जनता को भी साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक होना चाहिए। फर्जी कॉल, लिंक पर क्लिक करने, ओटीपी शेयर करने जैसी लापरवाहियों से बचना चाहिए।यह कार्यशाला गाजियाबाद पुलिस की उस प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जिसमें वह न केवल अपराधियों को पकड़ने, बल्कि अपराध होने से पहले ही उसे रोकने के लिए भी प्रयासरत है।

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